गोड्डा जिले से सुरेंदर सिंह जी ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि देश में पश्चिमी सभ्यता का अनुकरण ज्यादा किया जा रहा है ,इस वजह से बड़े -बुजुर्गों और माता -पिता के सम्मान में कमी आई है।युवा पीढ़ी की सोच में पाश्चात्य संस्कृति की झलक मिलती है ,जिसमें माँ -पिता के रहने या नही रहने से कोई फर्क नही पड़ता है।साथ ही टी वी ,मोबाइल और इंटरनेट का अचानक से समाज में बढ़ते प्रभाव के कारण ,युवा -पीढ़ी बुजुर्गो को महत्व नहीं दे रही है।भारतीय सभ्यता और संस्कृति को सभी भूल गए हैं।पाश्चात्य संस्कृति का ऐसा ही प्रभाव जारी रहा तो ,भारत का पतन निश्चित है