बीरबल महतो जी धनबाद के मोहदा से मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते हैं कि बाल विवाह माता पिता एवं अभिभावक द्वारा अपने बच्चों को दिया जाने वाला एक सजा कहा जाये ,तो यह कहना गलत नहीं होगा। यह माता-पिता की नादानी ही है कि वे 18 वर्ष से पहले लड़की एवं 21 वर्ष से पहले लड़के की शादी कराते हैं। वे कहते हैं कि एक तरफ तो हम अपने बच्चों की उज्जवल भविष्य की कामना करते है ,समानता एवं विकास की बातें करते हैं, वहीं दूसरी तरफ हम अपने बच्चों का बाल विवाह कर बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ भी करते हैं।समाज में व्याप्त बाल विवाह के कई कारण हैं जैसे-दहेज़ प्रथा, सामाजिक कुरीतियाँ ,अशिक्षा और गरीबी आदि। दहेज़ प्रथा के कारण माता-पिता अपने दायित्व से छुटकारा पाने के लिए अपने बच्चों की शादी जल्दी करा देते हैं।साथ ही सरकार द्वारा बनाये गए नियमों का ठीक से पालन नहीं करना बाल विवाह का एक बड़ा कारण है।बाल-विवाह बच्चों के साथ विश्वास घात करने के बराबर है,जिसे रोकने के लिए समाज के साथ सभी वर्गों के शिक्षित लोगों को आगे आना होगा और बच्चों को उनका अधिकार दिलाना होगा। इसके लिए जरुरी है कि अपनी छोटी सोच को बदलें और बच्चों का भविष्य सवाँरे,तभी हमारा भारत देश महान बन पायेगा ।