झारखण्ड राज्य के धनबाद जिला से बीरबल महतो ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि सी एन टी और एस पी टी एक्ट में संशोधन आदिवासिओं और मूलवासिओं के साथ अन्याय है।संशोधन के द्वारा उनके साथ विश्वासघात किया जा रहा है।झारखण्ड के आदिवासिओं और मूलवासिओं ने अंग्रेजों के साथ लम्बी लड़ाई लड़ी एवं कई बलिदानों के बाद उन्होंने अपने सम्मान एवं अधिकार को पाया है।अगर सरकार संशोधन को लागू कर देती है तो,जमीन की कीमत छः गुना तक बढ़ जाएगी, जिससे गरीबों पर टैक्स का भार अधिक बढ़ जायेगा। इस बढे हुए टैक्स को गरीब अगर नहीं चूका पाएंगे तो सरकार उनकी जमीनों को अपने कब्जे में लेकर नीलाम कर देगी। इस प्रकार आदिवासी और मूलवासी अपने ही जमीन से बेदखल हो जायेंगे और खुद को ठगा महसूस करेंगे।झारखण्ड की धरती बिरसा मुंडा और सिंधु-कान्हू जैसे महान लोगों की कर्मभूमि है।झारखण्ड राज्य की आज आवश्यकता है, कि सांसद और विधायक, अपने पार्टी से ऊपर उठ कर आदिवासिओं एवं मूलवासिओं के स्वाभिमान की रक्षा हेतु कार्य करें और सी एन टी और एस पी टी एक्ट में संशोधन का विरोध करें अन्यथा बहुत देर हो जाएगी।सरकार पलायन कर रहे झारखंडियों को रोके, इनके लिए रोजगार मुहैया करवाए ,तभी जाकर झारखण्ड का विकास संभव होगा। अन्यथा सरकार की बातें हाथी के दाँत के समान प्रतीत होंगी।