हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड से राजेश्वर महतो जी झारखण्ड मोबाइल वाणी के माध्यम से बता रहे है कि किसान हमारे अन्नदाता है। झारखण्ड के 70 प्रतिशत किसान मानसून पर निर्भर रहते है।तथा किसान मानसून के साथ जुआ खेलते हैं । आजीविका के लिए खेती पर निर्भर इन किसानों की स्थिति आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया वाली है हो गई है ,जिससे किसानों की हालात चिंताजनक बनी हुई है।सरकार किसानो के लिए विभिन्न तरह की योजनाएं चला रही है लेकिन ये योजनाएँ हाथी के दो दांत वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। वर्तमान स्थिति यह है कि अधिकांश किसानों की मानसिकता में परिवर्तन हो रही है चूँकि किसानों को खेती में बेरोजगारी दिखाई दे रही है।किसान मानसून के समय खेतो में काम करते है तथा बाकि दिनों में पलायन कर जाते है। वे कहते हैं कि सरकार किसानों के लिए रियायती दरों में खाद ,बीज एवं कृषि यंत्र मुहैया कराये।सिचाई एवं खेत जुताई के लिए ट्रैक्टर एवं बिजली या डीजल मुहैया करानी चाहिए।साथ ही उत्पादित फसल को सुरक्षित रखने हेतु कोल्ड स्टोर की व्यवस्था कराने की जरुरत है