जिला धनबाद,महुदा से बीरबल महतो जी मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि जल ही जीवन है। सभी सजीवों के लिए हवा के बाद जल एक अनिवार्य पेय पदार्थ है।अन्य ग्रहो पर सबसे पहले जल की खोज की जाती है। इनका कहना है कि सरकार द्वारा चलाया जा रहा जलापूर्ति योजना हाथी के दाँत बन क्र रह गया है।सरकार द्वारा डोभा योजना चलाया भी गया,परन्तु पानी का स्तर इतना निचे चला गया है कि कोल्यारी क्षेत्र में कुंए में पानी नहीं ठहरता है। अब सवाल यह उठता है कि जब कुआँ में पानी सुख जाता है ,तो डोभा में कैसे ठहरेगा।ऐसे में सरकार को चाहिए कि वे जलापूर्ति योजना के तहत नदियों में 5-5 किलोमीटर अंतराल में डैम बनवाकर जल का संचयन करे ।इस तरह से डैम के पानी से गाँव एवं शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति किया जा सकता है। साथ ही कोल्यारी के द्वारा निकाले गए पानी को तालाब में जमा कर इसे उपयोग में लाया जा सकता है।इस पानी का उपयोग नहाने में,कपड़े धोने में एवं फसलों की सिंचाई में भी कर सकते है।जहाँ पानी का स्तर ऊंचा हो,वैसे जगह में डोभा योजना चलाकर जलापूर्ति योजना को सफल बनाया सकता है।