जंगलों के मामले में पूरे देश में झारखंड का 10वां स्थान आता है,लेकिन वनों की अंधाधुंध कटाई होने के कारण देश का वन क्षेत्र घटता जा रहा है, जो पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत चिंताजनक है। पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने में वनों का बहुत अधिक योगदान रहता है । अब हमारे सामने सवाल यह है कि क्या बढ़ती जनसंख्या के साथ वनों का क्षेत्रफल घटता जा रहा है? क्या जनसंख्या वृद्धि के साथ साथ वनों का विनाश भी बढ़ने लगा है? क्या वर्तमान में लोगो के अपने निजी स्वार्थो की पूर्ति वनों की कटाई ,पर्यावरण सन्तुलन को बिगाड़ने एवं बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण होने वाले प्रभावो का कारण बन गयी है ? आपके अनुसार जंगलो में आग की समस्या ,पहाड़ों की अंधाधुंध खुदाई के कारण किस स्तर तक जंगल घटे है?साथ ही वनों की कटाई में बिचौलियों की क्या भूमिका होती है और वे किस तरह पदाधिकारी व अधिकारियों से साठ-गांठ कर वनों की कटाई को अंजाम दे रहे है ? वन विभाग व प्रशासन द्वारा वनों की हो रही अंधाधुंध कटाई को रोकने के लिए किस तरह के ठोस कदम उठाने की जरुरत है ?इस मुद्दे पर अपनी राय व अपने क्षेत्र की स्थिति के बारे में हमें जरूर बताये मोबाइल वाणी के निःशुल्क नंबर -08800097458 पर मिस्ड कॉल देकर।