जिला कोडरमा ,मरकच्चो प्रखंड से केदार यादव मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि कोडरमा जिला अन्तर्गत वनाधिकार अधिनियम 2006 या 2008 संशोधित अधिनियम 2012 के तहत आज तक कोई भी चिट्ठी अंचलाधिकारी ,रोजगार सेवक या पंचायत सेवक को जिला स्तर पर कार्रवाई करने के लिए नहीं दिया गया जबकि पुरे कोडरमा जिले में वन क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जनजाती व परम्परागतवासी 13 दिसंबर 2000 पहले से कोडरमा के मरकच्चो प्रखंड से खास कर दगरना पंचायत में 75 प्रतिशत से ज्यादा लोग सिर्फ आजीविका की मुख्य साधन जंगलो में रह कर खेती कर के रह रहे हैं।फिर भी कोडरमा जिला के उपायुक्त महोदय से लेकर अनुमंडल से लेकर अंचलाधिकारी द्वारा इससे सम्बंधित आज तक किसी भी प्रकार की योजनाओं से सम्बंधित मुहीम नहीं चला रहे यानि किसी तरह से प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा है। जिससे आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में काफी दिक्कत हो रही है।साथ ही फॉरेस्ट विभाग द्वार 2014 में ग्राम पिछड़ी दगरनवा पंचायत के 29 आदिवासी दावेदारों को पट्टा मिला है, उस पर 2016 में क़ानूनी करवाई के तहत केस कर दिया गया। अत:उपायुक्त महोदय से आग्रह है की इसकी जाँच पड़ताल किया जाए।