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बिहार राज्य के नालंदा जिला से मीना देवी जी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि सभी दीदी अपने घर में ओआरएस का दो पैकेट ज़रूर रखें। जब घर के किसी भी सदस्य को उल्टी व दस्त हो जाये तो अपने हाथ को साबुन से धोकर एक साफ़ बर्तन में एक लीटर पानी में एक पैकेट ओआरएस का घोल बनाये और उसे हर थोड़े-थोड़े देर में उस घोल को पिलायें।24 घंटे के बाद अगर घोल बच जाये तो,उसे फेंक दें। यह शरीर में पानी की कमी को पूर्ति करता है।
बिहार राज्य के नालंदा जिला के हिलसा प्रखंड के जूनियर पंचायत से मीना देवी जी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से सुषमा दीदी से बातचीत कर रही है जिसमे दीदी का कहना है कि यह बच्चे को छः माह के बाद ऊपरी आहार देते है। उनके आहार में रोज़ाना सात खाद्य समूह में से चार खाद्य समूह शामिल करते है । 9-12 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में तीन बार आधी-आधी कटोरी खिलाना चाहिए और 12-24 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी में भर-भर के दिन में 3 बार खाना खिलाना चाहिए। बच्चो को खाना एकदम मसला हुआ खिलाना चाहिए।
बिहार राज्य के जिला नालंदा के हिलसा प्रखंड के जूनियर पंचायत से मिना देवी जी जीविका मोबाइल वाणी के माध्यम से कहती है कि बच्चो के पूर्ण विकास के लिए उन्हें पूरक आहार देना ज़रूर है। क्योंकि सिर्फ माँ का दूध से उनका पेट नहीं भरता है। पूरक आहार नहीं देने पर बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते है और वे बीमार पड़ सकते है । इसलिए छः माह के बच्चे को खाने में एक पाव की कटोरी से आधी-आधी कटोरी दिन में दो बार खाना खिलाना चाहिए।9-12 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी से दिन में तीन बार आधी-आधी कटोरी खिलाना चाहिए।और 12-24 माह के बच्चे को 1 पाव की कटोरी में भर-भर के दिन में 3 बार खाना खिलाना चाहिए। उनके आहार में सात खाद्य समूह से चार खाद्य समूह ज़रूर शामिल करना चाहिए।
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