31 जुलाई 2021 को कलम के सिपाही मुंशी प्रेमचंद की 141 वीं जयंती AIMSS तथा AIDYO के द्वारा मनाया गया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए AIMSS के जिला संयोजिका विभा कुमारी ने अपने वक्तव्य में कहीं वर्तमान समय में भी मनिसी मुंशी प्रेमचंद के जीवन से सीख लेकर आदर्श मानकर मानवता के लिए निरंतर संघर्ष करने की जरूरत है प्रेमचंद पहले ऐसे उपन्यासकार, कहानीकार थे जिन्होंने साहित्य को मानव जाति के अंदर तमाम रूढ़िवादी, सामंती, कुसंस्कार से लड़ने के लिए लोगों को जागृत किए। उन्होंने अपने लेखनी से आजादी आंदोलन की लड़ाई को भी तेज किया उनके प्रमुख रचनाओं में गोदान,गवन,निर्मला जैसे उपन्यास की रचना के लिए जुलूस, जेल, दो बैलों की कथा,अनमोल मोती जैसे कहानियों से आजादी की लड़ाई में भाग लेने के लिए प्रेरित किए प्रेमचंद जी कहते थे साहित्य मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि समाज को बदलने के लिए,अन्याय जुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए,नया इंसान बनाने के लिए होना चाहिए इसकी झलक बखूबी उनके लेखनी में मिलती है इस मौके पर AIDYO के जिला कमेटी सदस्य सुभाष कुमार, AIDYO के जिला अध्यक्ष रविंद्र मंडल ने भी अपने-अपने विचार रखे। मौके पर गौतम कुमार,दिनेश कुमार,सोहन सिंह, धर्मेंद्र कुमार, गौतम कुमार,साहिल, कंचन देवी, नीरा देवी,बेबी देवी,निशा देवी,उषा देवी,पूनम देवी,अनीता देवी,रानी देवी आदि मौजूद थे।