● उनके भोजन एवं आवासन की व्यवस्था सरकार करेगी। ● मुख्यमंत्री लॉक डाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ रुपए जारी। राज्य में चल रहे लॉक डाउन के बीच पटना से एक अच्छी ख़बर आ रही है जिसमे 26 मार्च को एक अणे मार्ग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कोरोना संक्रमण एवं लॉक डाउन से उत्पन्न स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की गई। बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे, प्रधान सचिव आपदा प्रत्यय अमृत सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया कि तत्काल पटना तथा बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉक डाउन के चलते फंसे हुए हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी। इसी तरह बिहार के लोग जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में काम करते हैं और वे लॉक डाउन के कारण वहां के शहरों में फंसे हुए हैं या रास्ते में हैं उनके लिए भी राज्य सरकार स्थानिक आयोग नई दिल्ली के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन को समन्वय स्थापित कर भोजन एवं आवासन हेतु आवश्यक व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस कार्य हेतु मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को एक सौ करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई है। बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिए वहीं पर आपदा राहत केंद्र स्थापित किया जाएगा तथा इन जगहों पर व्यवस्था करने में सोशल डिस्टेंस का भी ख्याल रखा जाएगा। आपदा राहत केंद्रों पर कोरोना से निपटने के लिए चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जाएगी जैसी अन्य आपदा पीड़ितों की कि जाती है। उन्होंने कहा कि बिहार के निवासी बिहार के किसी शहर में या बिहार के बाहर जहां भी फंसे हो वहीं पर उनकी मदद की जाएगी तथा बिहार में जो अन्य राज्यों के जो लोग फंसे हैं उनके लिए भी राज्य सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन की व्यवस्था करेगी।किसी को भी समस्या नहीं होने दी जाएगी