बिहार राज्य के मुंगेर जिला से रंजन कुमार जी ने मोबाईल वाणी के माध्यम से जानकारी देते हुये बताया कि कृषि विभाग द्वारा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के सहयोग से सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के ‘‘संवाद कक्ष’’ में राज्य में 10-30 जून, 2019 तक प्रत्येक पंचायत में तिथिवार आयोजित किये जाने वाले किसान चैपाल पर आधारित प्रेस-काॅन्फ्रेंस को मंत्री, कृषि विभाग, बिहार डाॅ॰ प्रेम कुमार द्वारा सम्बोधित किया गया। इस अवसर पर प्रधान सचिव, कृषि विभाग सुधीर कुमार, विशेष सचिव, कृषि विभाग रवीन्द्र नाथ राय, निदेशक उद्यान नन्दकिशोर सहित कृषि विभाग के वरीय पदाधिकारीगण उपस्थित थे। मंत्री, कृषि विभाग ने कहा कि राज्य के किसानों को कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों की आधुनिक तकनीक, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्त्वपूर्ण योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने तथा विभागीय योजनाओं के बेहतर संचालन करने हेतु किसानों से सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य से राज्य के सभी जिलों के प्रत्येक प्रखण्ड के सभी पंचायतों के चयनित गाँवों में 10-30 जून, 2019 तक किसान चैपाल आयोजित किया जायेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान चैपाल के शुभारम्भ के अवसर पर उस क्षेत्र के स्थानीय सांसद, विधायक एवं पंचायत के जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जायेगा, ताकि किसानों के साथ बेहतर संवाद स्थापित किया जा सके और जनप्रतिनिधियों द्वारा किसानों की समस्या का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो सके। डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि किसान चैपाल में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड उद्यान पदाधिकारी, कृषि विशेषज्ञ/वैज्ञानिक, पौधा संरक्षण पर्यवेक्षक, प्रखण्ड/सहायक तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार सहित कृषि विभाग के पंचायत एवं प्रखंड स्तर के प्रसार कर्मी भाग लेंगे। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्रों के वैज्ञानिकों तथा नवाचार एवं उत्कृष्ट कार्य करने वाले किसानों को भी विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया जायेगा। किसान चैपाल में गत वर्ष किसानों के माँग थी कि उन्हें राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षी योजनाओं तथा उन पर देय अनुदान के बारे में जानकारी के लिए प्रखण्ड कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना पड़े। किसान चैपाल में मिले फीड बैक पर सरकार के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि प्रत्येक पंचायत में पंचायत कृषि कार्यालय खोला जाये। आज प्रत्येक पंचायत में पंचायत कृषि कार्यालय पूरी तरह से कार्यरत है।डाॅ॰ कुमार ने कहा कि किसान चैपाल का मुख्य उद्देश्य विभिन्न फसलों के उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाने के लिए मिट्टी जाँच के आधार पर संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग, समय से फसल की बुआई, फफुँदनाशी एवं कीटनाशी से बीजोपचार, सिंचाई के लिए जल प्रबंधन, खरपतवार नियंत्रण, दीमक एवं चूहा नियंत्रण, समेकित कीट प्रबंधन तथा समेकित पोषक तत्त्व प्रबंधन आदि के बारे में किसानों को जानकारी उपलब्ध कराना है। तेलहन-दलहन फसलों में कीट व्याधि के प्रकोप को कम करने के उद्देष्य से अनुषंसित बीजों की उपलब्धता के साथ-साथ किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती विषेषकर अंतवर्ती फसलों के साथ सब्जी आदि के उपयोग पर विषेष रूप से बताया जायेगा। किसान चैपाल कार्यक्रम के माध्यम से किसान संगठन/कृषक हित समूह/स्वयं सहायता समूह आदि के निर्माण की व्यावहारिक जानकारी प्रदान की जायेगी और उन्हें बाजारोन्मुखी उत्पादन हेतु प्रेरित करने तथा कृषि विपणन में अधिक सहभागिता के लिए सुदृढ़ करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही, किसानों को फसल अवशेषों को खेतों में न जलाने के प्रति जागरूक किया जायेगा और फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण, मिट्टी तथा मानव शरीर होने वाले नुकसान के बारे में बताया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष किसान चैपाल में किसानों को ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के एडवाईजरी की जानकारी के साथ-साथ वैकल्पिक फसलों के बारे में भी बताया जायेगा।उन्होंने बताया कि किसान चैपाल में किसानों के कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान किया जायेगा तथा कार्यक्रम में भाग ले रहे किसान/किसान सलाहकार/कृषि समन्वयक/सहायक तकनीकी प्रबंधक/प्रखंड कृषि पदाधिकारी/परियोजना निदेशक, आत्मा/जिला कृषि पदाधिकारियों से फीडबैक प्राप्त करने हेतु अलग-अलग फीडबैक का प्रारूप तैयार किया गया है जिसे कार्यक्रम के दौरान उपलब्ध कराई जाएगी। उनसे प्राप्त सुझावों के अनुसार अनुपालन एवं कार्यान्वयन तथा शिकायत निवारण किए जाने हेतु जिला स्तर पर संग्रहित किया जाएगा। बाद में इस संग्रहित फीडबैक को बामेती कार्यालय, पटना को उपलब्ध कराई जाएगी, प्राप्त फीडबैक से राज्य/केन्द्रीय योजनाओं के प्रारूप तैयार करने में सहयोग मिलेगा, जिससे कृषि के क्षेत्रों में आ रही कठिनाईयों का भी समाधान किये जाने में मदद मिलेगा।उन्होंने आगे बताया कि किसान चैपाल कार्यक्रम में कृषि विभाग द्वारा कार्यान्वित योजनाएँ तथा देय अनुदान राशि के संबंध में विस्तृत जानकारी देनेे हेतु किसान चैपाल मार्गदर्शिका, लिफलेट, हैण्डबिल, पम्पलेट, प्रसार पुस्तिका, बैनर के माध्यम से किया जायेगा। प्रत्येक किसान चैपाल कार्यक्रम में 225 किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने की व्यवस्था की गई है।