हसनपुरा (सीवान) प्रखंड के आंगनबाड़ी के सेविकाओं द्वारा गुरुवार को अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। इस अवसर पर पोषक क्षेत्र के छह माह के बच्चों को पूरक आहार दिया गया। साथ ही शिशु के छह माह पूरे होने के बाद उनके बेहतर पोषण के लिए जरुरी पूरक पोषाहार के विषय में जानकारी भी दी गई। इस दौरान अन्य धात्री माताओं को भी पूरक आहार के विषय में एवं सा़फ-सफाई के बारे में जानकारी दी गई। सेविकाओं द्वारा बताया कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए छह माह तक सिर्फ स्तनपान एवं इसके बाद स्तन पान के साथ पूरक आहार बहुत जरुरी होता है। *अन्नप्राशन संस्कार* जब शिशु के दाँत उगने लगे, मानना चाहिए कि प्रकृति ने उसे ठोस आहार, अन्नाहार करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। स्थूल (अन्नमयकोष) के विकास के लिए तो अन्न के विज्ञान सम्मत उपयोग का ज्ञान जरूरी है यह सभी जानते हैं। सूक्ष्म विज्ञान के अनुसार अन्न के संस्कार का प्रभाव व्यक्ति के मानस पर स्वभाव पर भी पड़ता है। कहावत है जैसा खाय अन्न-वैसा बने मन। इसलिए आहार स्वास्थ्यप्रद होने के साथ पवित्र, संस्कार युक्त हो इसके लिए भी अभिभावकों, परिजनों को जागरूक करना जरूरी होता है। अन्न को व्यसन के रूप में नहीं औषधि और प्रसाद के रूप में लिया जाय, इस संकल्प के साथ अन्नप्राशन संस्कार सम्पन्न कराया जाता है। मौके संबंधित केंद्र की आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका उपस्थित थी।