तीन राज्यों में बीजेपी की जीत के पीछे पूरी तरह मोदी मैजिक ने कमाल दिखाया है। चेनारी के पूर्व विधायक और बीजेपी नेता ललन पासवान ने नौहट्टा में कही। उन्होने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे दुनियां को विकास का आयाम दिखाया है। चुनावी परिणाम उसी को दिखाता है। उन्होने कहा कि यह चुनाव सेमीफाइनल है, फाइनल तो 2024 के लोकसभा चुनाव में होगा। जिसमें बीजेपी की 400 पार करेगी। उन्होने कहा कि पूरे भारत में कमल खिलाने का काम होगा।

लोकतंत्र का उत्सव इन चुनावों ने राजनेताओं और जनता को बहुत से सबक दिये हैं। ऐसे सबक जो केवल चुनावी राजनीति में नहीं बल्कि जीवन के हर पहलू में हमें सीखना जरूरी सा है। ये सबक आज के आज़ाद भारत के समाज को समझने के लिए बेहद जरूरी हैं।

जी हां साथियों आपको बता दे कि देश के पांच राज्यों में चल रहे चुनाव में चार राज्यों के नतीजे आज रविवार को देखने को मिले जिसमें से तीन राज्यों में बीजेपी को बंपर वोट के साथ जीत मिली है, ऐसे में आज चेनारी नगर पंचायत के स्थानीय संत सिंह चौक पर भाजपा कार्यकर्ताओं और भाजपा के नेताओं के द्वारा जोरदार तरीके से जीत का जश्न मनाया गया, इस दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं के द्वारा एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर जीत का बधाई दिया गया, वही मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया गया साथ ही पटाखे फोड़ कर आतिशबाजी भी किया गया, इस दौरान स्थानीय भाजपा के उपाध्यक्ष कन्हैया कुमार के द्वारा बताया गया कि मोदी है तो मुमकिन है 2023 में यह ट्रेलर है 24 में फिल्म अभी बाकी है!

मैं सामुदायिक संवाददाता आशीष कुमार रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम में आज 3 राज्यों में बीजेपी की जीत का जश्न कार्यकर्ताओं के द्वारा मनाया गया, खबर को विस्तार पूर्वक सुनने के लिए इस ऑडियो पर क्लिक करें

जी हां साथियों आपको बता दे कि इस समय हो रहे हैं पांच राज्यों के चुनाव को लेकर लोगों की निगाहें दिन भर टीवी पर है लोगों के द्वारा तरह तरह के कयास लगाया जा रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा भाजपा का जीत का माहौल बनाया जा रहा है तथा बताया जा रहा है कि पांचो राज्यों में भाजपा पूर्ण बहुमत के साथ आएगी! वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा यह बताया जा रहा है कि पांच राज्यों में कांग्रेस भी पूर्ण बहुमत से आएगी! ऐसे में अभी देखना यह बाकी है कि किन राज्यों में किसकी सरकार बनती है और कौन सरकार अपना कुर्सी बचाता है और कुर्सी कौन गवाता है ऐसे में प्रखंड क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता साथ ही साथ नेता प्रवृत्ति के लोगों की निगाहें टीवी पर टिकी हुई है!

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चुनावी माहौल में हिंसा, बहुत पुरानी बात नहीं है, बिना हिंसा के शायद ही कोई चुनाव होता हो, बंगाल इस मामले में सबसे आगे है, जहां पंचायत से लेकर सांसद तक के चुनाव बिना हिंसा के पूरे नहीं होते, यहां राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता अपने विरोधी दलों के कार्यकर्ताओं को मरने मारने पर उतारु रहते हैं।

कोई अपना उम्मीदवार कैसे चुनता है यह कोई रहस्यमयी प्रक्रिया है जिसके बारे में हम कुछ नहीं जानते ! भारत का मतदाता अक्सर चुनाव विश्लेषकों और एक्जिट पोल वालों को चकित करता आया है । क्या चुनाव में प्रेम जैसा कुछ अबूझ है जिसके चलते कई बार प्रेमी प्रेमिका की तरह ही उम्मीदवार को भी पता नहीं होता उसे क्यों चुन लिया गया !

‘नागरिकों को राजनीतिक दलों के चंदे का स्रोत जानने का अधिकार नहीं है’ सरकार की तरफ से पेश हुए उसके वकील यानी सॉलीसिटर जनरल आर. रमन्नी ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में कही है’। सवाल उठता है कि जब सबकुछ ठीक है तो फिर चंदे से जुड़ी जानकारी जनता से साझा करने में दिकक्त क्या है? राजनीतिक शुचिता और भ्रष्टाचार पर वार करने वाले राजनीतिक दल की सरकार अगर कहे कि वह जनता को नहीं बता सकती की उसकी पार्टी को चंदा देने वाले लोग कौन हैं, तो फिर इसको क्या समझा जाए।

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