Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

झारखंड के देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम श्रावणी मेला को लेकर विश्व प्रसिद्ध है।और पुरे सावन महीना में यहां देश भर के विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले शिव भक्तों का ताँता लगा रहता है। ऐसे में हमारा राज्य बिहार से भी बड़े संख्या में कांवरियां जलाभिषेक करने देवघर पहुँचते हैं।और इन श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार कई तरह की सुविधा मुहैया कराती है। दोस्तों, आप हमे बताएं कि कांवरियों को देवघर स्थित बाबा वैद्यनाथ धाम जाने में समाज एवं सरकार की ओर क्या क्या सुविधा प्रदान की जाती है? और समाज के आम जनों से कावंरियों को किस तरह से सहयोग मिलती है? साथ ही कावंरियों को देवघर पंहुचने में किन किन तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है? श्रोताओं , आपके अनुसार कांवरियों को देवघर जाने के क्रम में होने वाली असुविधाओं को कैसे दूर किया जा सकता है ?और कांवरियों को किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए राज्य सरकार और समाज की क्या भूमिका होनी चाहिए ?

Transcript Unavailable.

Transcript Unavailable.

राज्य सरकार को विभिन्न संभागों से प्राप्त होने वाली आय एवं सरकार द्वारा वसूले गए सभी प्रकार के कर और शुल्क, निवेशों पर प्राप्त ब्याज और लाभांश तथा विभिन्न सेवाओं के बदले प्राप्त रकम को राजस्व कहा जाता है। लेकिन जिला केन्द्र मे स्थित विभिन्न राजस्व कार्यालयों मे व्याप्त अव्यवस्था एंव अधिकारियो और कर्मचारियो के तानाशाही रवैया और रिष्वतखोरी आखिर क्यों देखी जाती है? कार्यालयों में प्रत्येक छोटे बड़े काम के लिये पैसे की उगाही आम बात हो गई है? सरकार, अनेक अधिकारियो और कर्मचारियो के नाम से शिकायत दर्ज करते हुए उनके विरूद्ध निंदा प्रस्ताव पारित करती तो है लेकिन सिर्फ दिखाने मात्र की। आखिर क्या वजह है कि हजारो मामले बिना अधिकारीयों व कर्मचारियो के द्वारा रिष्वतखोरी की आड़ मे मनमर्जी तरीके से चलाए जा रहे है? क्यों किसान भाइयों को लगान जमा करने व दाखिल ख़ारिज कराने में रिश्वत देना पड़ता है? आखिर क्या कारण है कि ग्रामीण पक्षकारो से खुलेआम रिष्वत की मांग की जाती है? क्या कर्मचारियों को किसी बात का भय व डर नही है या फिर उन्हें किसी प्रकार से शासन प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है ?

Transcript Unavailable.