जिले के चेवाडा प्रखंड अंतर्गत केमरा गांव के किसान साकेत सिंह के पुत्र का विकास कुमार ने आईसीआरबी ( बंगलोर) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में सफलता अर्जित कर इसरो का वैज्ञानिक बनने में सफलता अर्जित की। देश के 35 चयनित वैज्ञानिकों में विकास भी शामिल हुआ। इस सफलता से एक ओर जहां उसके पिता साकेत सिंह और गृहणी माता सुभद्रा देवी काफी पुलकित है। वहीं पूरे जिलावासियों को इस होनहार जिला के सपूत पर गर्व हो रहा है।एक मध्यमवर्गीय किसान के घर पैदा हुए विकास कुमार की बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई निकटवर्ती नवादा जिला अन्तर्गत अकबरपुर थाना क्षेत्र के महानंदपुर गांव स्थित ननिहाल में हुई।इन्होंने के एच एस नवादा से दशवी कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की। बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के विकास काफी मेहनती और लगनशील रहे। इन्होंने नागपुर एन आई टी से बी टेक ( मेकनिक ब्रांच ) किया। बाद में इन्होंने पटना एनआईटी से एम टेक किया। शुरू से ही देश को विज्ञान के क्षेत्र में देश की तरक्की के लिए इन्होंने वैज्ञानिक बनने को मन में ठान लिया था। फिर इन्होंने अपनी लगन और मेहनत के बल पर इसरो द्वारा आयोजित वैज्ञानिक पद की परीक्षा में बाजी मार ली। विकास का कहना है कि लॉक डाउन के दौरान उन्हें परीक्षा की तैयारी करने में काफी सुंदर समय मिला और एकाग्रचित होकर परीक्षा की तैयारी कर पाया।उन्होंने कहा कि इस मुकाम पर पहुंचाने में उनके मामा इंजीनियर अजय कुमार की भूमिका अहम रही है। जोकि अभी ओडिसा में एक निजी कंपनी में इंजीनियर पद पर कार्यरत है।उन्होंने कहा कि मामा मेरे प्रेरणा स्रोत रहे हैं।वे कहते है कि भारत को विज्ञान के क्षेत्र में विकसित देश अमेरिका , जापान की बराबरी पर देखना मुख्य मकसद है।इस खबर को सुनने के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।