दोस्तों, हमारे यह 2 तरह के देश बसते है। एक शहर , जिसे हम इंडिया कहते है और दूसरा ग्रामीण जो भारत है और इसी भारत में देश की लगभग आधी से ज्यादा आबादी रहती है। और उस आबादी में आज भी हम महिला को नाम से नहीं जानते। कोई महिला पिंटू की माँ है , कोई मनोज की पत्नी, कोई फलाने घर की बड़ी या छोटी बहु है , कोई संजय की बहन, तो कोई फलाने गाँव वाली, जहाँ उन्हें उनके मायके के गाँव के नाम से जाना जाता है। हम महिलाओ को आज भी ऐसे ही पुकारते है और अपने आप को समाज में मॉडर्न दिखने की रीती का निर्वाह कर लेते है। समाज में महिलाओं की पहचान का महत्व और उनकी स्थिति को समझने की आवश्यकता के बावजूद, यह बहुत दुःख कि बात है आधुनिक समय में भी महिलाओं की पहचान गुम हो रही है। तो दोस्तों, आप हमें बताइए कि *-----आप इस मसले को लेकर क्या सोचते है ? *-----आपके अनुसार से औरतों को आगे लाने के लिए हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है *-----साथ ही, आप औरतों को किस नाम से जानते है ?

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लोग उन्हें गाँव के नाम से जोड़ते हैं, कभी उनके बच्चे के नाम से, कभी उनके पति के नाम से, ये समस्याएं वास्तव में अभी भी जमीन पर हैं, लेकिन सरकार की पॉलिसियों के राशन कार्ड में एक महिला का प्रमुख के रूप में पंजीकरण एक महिला का लाभार्थी के रूप में पंजीकरण दर्शाता है कि धीरे-धीरे सरकार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कदम उठा रही है।
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June 6, 2024, 3:22 p.m. | Location: 438: JH, Bokaro, Bermo | Tags: gender   socialdiary   women  


गंदगी की चपेट में मोहल्ला
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June 6, 2024, 3:24 p.m. | Location: 438: JH, Bokaro, Bermo | Tags: gov problems   grievance   disease   sanitation