विद्यापतिनगर। डाक विभाग में सेवाएं दे रहे ग्रामीण डाक सेवकों ने अपनी मांगों को लेकर आवाज मुखर कर दी है। उपडाकघर विद्यापतिनगर में ग्रामीण डाक सेवकों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल के तीसरे दिन अफसरशाही के खिलाफ आवाज बुलंद की। डाक सेवकों का कहना है कि 23 अक्तूबर को विभाग के कर्मचारियों ने विभाग को चेतावनी देते हुए एक दिवसीय हड़ताल की थी, लेकिन इसके बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया। इसी के चलते ग्रामीण डाक सेवक मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ग्रामीण डाक सेवक संघ के देवेश कुमार ओझा ने कहा कि वर्तमान समय में ग्रामीण डाक सेवकों से आठ घंटे काम लेकर चार घंटे के पैसे दिए जा रहे हैं। जबकि उन्हें साल भर में दी जाने वाली 20 छुट्टियां भी काम में लगवाई जा रही है और उसके बदले उन्हें एक रुपया तक नहीं दिया जा रहा। विभाग की तरफ से दी गई छुट्टी लेने पर ग्रामीण डाक सेवकों को अफसरशाही द्वारा प्रताडि़त किया जाता है और उन्हें तब तक छुट्टी नहीं दी जाती जब तक ग्रामीण डाक सेवक अपनी जगह किसी दूसरे को काम न सौंप दें। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा दिया जा रहा वेतन भी नाम मात्र है जिसके चलते ग्रामीण डाक सेवकों को परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो चुका है। इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के डाकघरों में जहां ताले लटके पाये गए, वहीं आस पास सन्नाटा पसरा रहा। डाकघर के कार्य से आए लोग निराश होकर लौटे। रुपए के लेनदेन, चिट्ठी, इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक समेत अन्य डाक कार्य प्रभावित हो गए हैं। 12 दिसंबर से विद्यापतिनगर के 11 ग्रामीण डाकघर के सभी डाक सेवक मांगों के समर्थन में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। अपनी मांगों पर जोर डालने के लिए गुरुवार को पूरे दिन उप डाकघर में डाक सेवकों ने धरना प्रदर्शन किया। संघ के सेवकों ने कहा कि जबतक उनकी 6 सूत्री मांग पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन इसी तरह से चलता रहेगा।विस्तृत जानकारी के लिए ऑडियो पर क्लिक करें।