रोग एवं कीट रोधी है राजेंद्र अरहर -2 - कुलपति, आठवे अनुसंधान परिषद की बैठक में दो नयी प्रजाति राजेन्द्र अरहर -2 एवं राजेन्द्र मरूआ -1 अनुशंसित समस्तीपुर। कोविड -19 की विभीषिका और लॉक डाउन के कारण श्रमिकों की घर वापसी के बाद उन्हें रोजगार मुहैया कराना एक बड़ी चुनौती है। इसलिए भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखकर अनुसंधान करने की जरूरत है। डीआरपीसीएयू के कुलपति डॉ. रमेश चंद्र श्रीवास्तव ने उक्त बातें अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि घर वापस लौटे श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए तकनीकी प्रशिक्षण देने की दिशा में विश्वविद्यालय पहल कर रहा है । मशरूम, शहद उत्पादन एवं बागवानी में श्रमिको के प्रशिक्षण की संभावनायें तलाश कर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। बताते चलें कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आठवें अनुसंधान परिषद 2020 की बैठक आयोजित की गई। कोविड -19 के सुरक्षात्मक उपायों की ध्यान में रखते हुए शाम 6:30 बजे से रात के 10:00 बजे तक विश्वविद्यालय के खुले प्लाजा में मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने बैठक की गई जिसमें व्यक्तिगत दूरी का खास ध्यान रखा गया। इस बाबत जानकारी देते हुए सूचना पदाधिकारी डॉ. कुमार राजवर्धन ने बताया कि डीआरपीसीएयू के कुलपति डॉ. रमेश चंद्र श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संपन्न इस बैठक में सीमित संख्या में अनुसंधान से जुड़े वैज्ञानिको को ही बुलाया गया था। दीप प्रज्जवलन एवं स्वागत संबोधन की औपचारिकता के बाद उपस्थित वैज्ञानिको को संबोधित करते हुए कुलपति डॉ. श्रीवास्तव ने उपस्थित वैज्ञानिको को बताया कि विश्वविद्यालय में अनुसंधान के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। विश्वविद्यालय में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉएस से संबद्ध कई अनुसंधान परियोजनायें चल रही हैं।