सुनिए एक प्यारी सी कहानी। इन कहानियों की मदद से आप अपने बच्चों की बोलने, सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है।ये कहानी आपको कैसी लगी? क्या आपके बच्चे ने ये कहानी सुनी? इस कहानी से उसने कुछ सीखा? अगर आपके पास भी है कोई मज़ेदार कहानी, तो रिकॉर्ड करें फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।

आयर नमस्ते अभी आप लोग सुन रहे हैं मधुबानी मोबाइल बानी मधुबानी मोबाइल बानी राजार जरांजू कुमार की रिपोर्ट मेरे पास है श्रोता मुझे गाँव की आजीविका के बारे में जानकारी मिलती है और हम मधुबानी मोबाइल वेलकम टू पानी दीदी प्रोग्राम करते हैं । जोई देवी घर का आये दीदी राज मर हरा पच सोल दीदी अपनी आजीविका कमाने के लिए आप क्या काम करते हैं मोटमनी प्रिंटिंग कितना भी से करते है अब बीस साल बीस साल से तो दीदी कुछ बदलाव पा कपड़े अच्छा हूं पहले देखे जाते हैं । और कुछ डिज़ाइन बंता था अभी का और डिज़ाइन बंता है आ दीदी तो आपकी ट्रेनिंग वगैरह गया और आपकी ट्रेनिंग गया और आपकी ट्रेनिंग गया और आपकी ट्रेनिंग गया और आपकी लोग सीखेंगे नहीं ट्रेनिंग गया और हमें ट्रेनिंग है , हमें भी बच्चे , हमें लोगों को को कोई प्रशिक्षण है , हमें प्रशिक्षण है , हाँ , प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण । वे ऐसा भी करते हैं और कलाकार को सामान बनाने के लिए देते हैं । प्रशिक्षण के बाद , वे पैसे पाने के लिए अपना सामान भी देते हैं । हम कम करते हैं हम दीदी क्या चीज आप बना लेते हैं सारी पतस पेपर रोप्ता सब बनात है ।

कार्यक्रम बदलाव का आगाज़ जेंडर के नाम पर होने वाली हिंसा के खिलाफ 16 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आपका स्वागत है।लड़कियों के मन में शादी को ले कर उलझन और उत्साह दोनों तरह की भावनायें होती हैं। कई तरह के सवाल भी होते हैं। आईये सुनते हैं इस कड़ी में रेखा की आपबीती।

साथियों, आपने वो कहानी तो सुनी ही होगी कि एक लकड़ी को तो कोई भी तोड़ सकता है लेकिन लकड़ियों के बंडल को तोड़ना आसान नहीं है.. कई मुश्किलें ऐसी होती हैं जिन्हें अकेले से ज़्यादा कई लोग मिलकर हल कर सकते हैं. जी हाँ यही है एकता की ताकत. इसी ताकत को आप तक पहुंचा रहे हैं हम अपने कार्यक्रम बदलाब का आगाज़ के ज़रिये, इसमें 16 दिनों तक बातें होंगी हिंसा के खिलाफ सक्रियता को लेकर।

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बिहार राज्य के मधुबनी जिला के हरलाखी प्रखंड से रागनी कुमारी मोबाइल वाणी के माध्यम से घ अक्षर की कहानी सुना रही है

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बिहार राज्य के जिला मधुबनी से रागिनी कुमारी , मोबाइल वाणी के माध्यम से एक कविता सुना रही है।

मधुबनी मोबाइल वाणी से एक श्रोता नन्ही कहानी सुनाया सुन रहे हैं

दोस्तों, बचपन मनाओं, बढ़ते जाओ और मोबाइल वाणी लेकर आ रहे है आपके बच्चों के लिए हंसती, गुदगुदाती, नन्ही कहानियां। इन कहानियों की मदद से माता-पिता, दादा-दादी, भैया-दीदी और परिवार के सभी लोग अपने नन्हे- मुन्नों की बोलने-सीखने और जानने की क्षमता बढ़ा सकते है। सुनना न भूलिये, नन्ही कहानियां, हर गुरुवार शाम 7 बजे मोबाइल वाणी पर। और हाँ, आप भी बच्चों को सुना सकते है कोई नन्ही कहानी, फ़ोन में नंबर 3 का बटन दबाकर।