बिहार राज्य के मधुबनी ज़िला के पंडौल प्रखंड से आरव पांडेय ,मधुबनी मोबाइल वाणी के माध्यम से बताते है कि मिथिला का पर्व आज जुड़ शीतल है। पहले के ज़माने में कुआँ की होता था ,पहले चापाकल या अन्य साधन नहीं था। पूरे साल में जन कुआँ गंदा हो जाता था तो मौहल्ले के लोग मिलकर उसे साफ़ करते थे और जल के स्रोत को कोड़ते थे। आज के ज़माने में नल जल योजना व चापाकल आदि से पानी मिलती है लेकिन पहले ये व्यवस्था नहीं थी। पहले की परंपरा अलग ही थी। मिथिलांचल का पर्व बड़े ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाया जाता है