वर्ष बाद नव वर्ष पर देशी- विदेशी पर्यटकों से गुलजार रहा केसरिया का बौद्ध स्तूप नव वर्ष पर केसरिया स्थित विश्व के सबसे ऊंचे बौद्ध स्तूप पर पिकनिक मनाने 50 हजार से अधिक पर्यटक पहुंचे थे। जिनमें देशी विदेशी पर्यटक शामिल थे। भीड़ इतनी की स्टेट हाईवे 74 पर गाड़ियां चींटी की तरह रेंगती थी। केसरिया से बौद्ध स्तूप पार करने में घंटों समय लगता था। जबकि दूरी मात्र तीन किलोमीटर है। बौद्ध स्तूप में भीड़ इतनी की चलना मुश्किल था। गनीमत रहा कि जितने लोग जाते थे बौद्ध स्तूप परिसर में उतने ही लोग बौद्ध स्तूप को देखकर निकल भी रहे थे। पुलिस चप्पे चप्पे पर मौजूद थी। दारोगा प्रमोद पासवान एवम अनिता कुमार सहित सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात थे। वैसे भी यहां प्रतिदिन सौ से दो सौ तक विदेशी पर्यटक पहुंच रहें हैं।कोरोना को लेकर पिछले दो वर्षो से बौद्ध स्तूप पर पर्यटकों का आना बंद था।जिसके कारण इस नव वर्ष पर बौद्ध स्तूप पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।बौद्ध स्तूप परिसर में खाना बनाने एवम खाने पर प्रतिबंध होने के कारण लोग रानीवास एवम इंटर कॉलेज के समीप पिकनिक मनाते देखे गए। युवक युवतियां डिजे के धुन पर थिरकते नजर आए। भगवान बुध के जीवन काल से जुड़ा है स्तूप यह स्तूप भगवान बुध के जीवन काल से जुड़ा हुआ है। भगवान बुध अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में वैशाली से कुशीनगर जाने के दौरान केसरिया में इसी स्थान पर रात्रि विश्राम किए थे व शिष्यों को वो भिक्षा पात्र देकर विदा किए थे।इसी याद में स्तूप का निर्माण हुआ।जो कई कालों में बन कर तैयार हुआ। कोरोना के पूर्व स्तूप को देखने के लिए प्रति वर्ष पांच लाख देशी विदेशी पर्यटक आते थे।लेकिन कोरोना को लेकर पिछले दो वर्षो से विदेशी पर्यटकों का आना बंद था।जो हाल ही में शुरू हुआ है।अब स्तूप पर विदेशी पर्यटकों से गुलजार हो रहा है।स्तूप को देखने के लिए थाईलैंड, कोरिया, इंडोनेशिया, भूटान,श्रीलंका,वियतनाम,भूटान, कंबोडिया,मायम्मर इत्यादि देशों से पर्यटक आते हैं।