जुल्फिकार ने मोबाईल वाणी के माध्यम से सीतामढ़ी जिले के रुन्नी ग्राम के समाज सेवी बबलू जी से "बेटियों की शिक्षा " विषय पर साक्षात्कार लिया।बबलू जी ने बताया कि बेटियाँ सामाजिक ताना-बाना और बुराई के कारण अपनी पढ़ाई पूरी नही कर पाती हैं तथा पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं।दिन-दहाड़े बच्ची का अपहरण हो जाना,बच्ची के साथ जघन्य अपराध हो जाना,इत्यादि चिंता का कारण है।अमेरिका में लड़की के साथ बलात्कार या अपराध होना क्षम्य है,परन्तु भारत के समाज में यह बहुत बुरा माना जाता है। इज्जत-आबरू को बचाने के लिए बेटी की शिक्षा को बीच में रोक दी जाती है। अपनी बात को जारी रखते हुए बबलू जी का कहना है कि ज्यादातर लोगों की सोच होती है कि जल्दी से जल्दी बेटी की शादी कर के उसका घर बसा देना चाहिए। महिलाओं के प्रति हमारा देश जागरूक नहीं है।वर्तमान समय में स्कूल एवं संसाधनों की उपलब्धता के बावजूद बेटियाँ अपनी पढ़ाई पूरी नही कर पा रही हैं। बबलू जी का विचार है कि जब-तक समाज में लोगों का बेटियों के प्रति नजरिया नहीं बदलेगा तथा दूसरे की बहु-बेटी को अपना नही समझा जाएगा,तब-तक बेटियों पर होने वाला अपराध नही रुकेगा।महिला और पुरुष का अलग शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। हर जिले तथा प्रखंड स्तर पर महिला कॉलेज होगा तो,बेटियाँ जरूर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगी। विस्तार पूर्वक बातचीत सुनने के लिए क्लिक करें ऑडियो पर और सुनें पूरी बात ।