करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं मिल रहा एक बूंद पानी, गांव बझेड़ा महुआ डंडी।। शाहजहांपुर/जलालाबाद मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक योजना जल जीवन मिशन भी शामिल है जिसे मार्च 2024 तक पूर्ण करना है. इसके तहत घर-घर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है । 'जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है'. यदि यह कहा जाये तो शायद गलत न होगा. विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों के मिलीभगत से शासन की। इस योजना के तहत गांव गांव में घर घर तक लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. केन्द्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से संचालित हो रहे इस योजना में करोड़ों रुपये पानी के लिए पानी की तरह बहाया जा रहा है. लेकिन ब्लॉक जलालाबाद की ग्राम पंचायत बझेड़ा महुआ डंडी में शासन की जल जीवन मिशन योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है. हकीकत ठीक विपरीत है आरोप लगाया गया है कि घटिया निर्माण, अधूरा निर्माण और करोड़ों रुपये के ठेकेदारों को भुगतान एक बड़ा खेल जिले में संचालित हो रहा है. शाहजहांपुर जिले में जल जीवन मिशन योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता की कहानी गढ़ रहा है. जबकि हकीकत ठीक विपरीत है. जिले के दूरस्थ वनांचल की बात छोड़ दिया जाये तो मुख्यालय शाहजहांपुर से लगे ग्राम पंचायतों में योजना का हाल बेहाल है. एक बूंद नहीं आ रहा है पानी शाहजहांपुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बझेड़ा महुआ डंडी, क्षेत्रों में ही जल जीवन के तहत ठेकेदारों ने पानी पाईप लाईन का विस्तार कर स्टाम्प पोस्ट घर के बाहर जगह जगह लगा दिया. लेकिन पानी एक बूंद नहीं आ रहा है. ऐसे जल जीवन मिशन योजना का क्या मतलब जिसका लाभ नहीं मिल रहा. यह तो बात एक दो पंचायतों की है. आधे अधूरे ही कार्य कराये गये है जानकारी के अनुसार जिले के शाहजहांपुर के गांव बझेड़ा महुआ डंडी, पल्हरई , अफतियापुर , ढाका उजेरा , भटा देवर, तहसील क्षेत्रों का हाल एक जैसा है. इन क्षेत्रों में करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गये. इसके बावजूद भी लोगों को पेयजल नहीं मिल पा रहा है और मार्च 2024 में योजना को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. ऐसे में महज लगभग दिन शेष है और कार्य अधूरा. जिले के कई पंचायतों में तो आधे अधूरे ही कार्य कराये गये है. दो साल बाद भी नहीं मिले पानी जल जीवन मिशन से घर-घर पानी उपलब्ध कराने के लिए नल कनेक्शन के लिए पाइप और चबूतरे का काम तो कर दिया गया है लेकिन सप्लाई लाइन नहीं बिछाई गई. निर्माण के दो साल बाद भी पानी नहीं मिलने से गांव के ग्रामीण परेशान है. पेयजल व निस्तार के लिए ग्रामीण पुराने स्रोतों पर ही निर्भर हैं ग्रामीणों का कहना है कि अधूरे पड़े काम को लेकर विभागीय अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. नल पोस्ट में बांध रहे बैल बकरी जल जीवन मिशन के तहत पेयजल भले ही लोगों के घर तक नहीं पहुंच रही है लेकिन इसके लिए प्रत्येक परिवार के घर के सामने नल के पोस्ट स्थापित कर दिये है. जिसमें पानी नहीं पहुंचने के कारण कई ग्रामीण परिवार स्थापित नल पोस्ट पर बैल, बकरी बांधने में उपयोग कर रहे है. कई स्थानों पर लगाये गये नल पोस्ट क्षतिग्रस्त भी हो गये है. अधूरे कार्य के बीच ठेकेदार ने निकाली राशि जल जीवन मिशन का कार्य कई पंचायतों में आधा अधूरा पड़ा हुआ है इसके बावजूद अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार द्वारा राशि निकाले जाने की खबर है. जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बझेड़ा महुआ डंडी में टंकी निर्माण हो रहा है वह राजेश कुमार के मकान के पीछे बंजर भूमि पर टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। पंचायत क्षेत्र के सभी वाडारें में हर ग्रामीण के घरों व सड़क किनारे पानी सप्लाई के लिए स्टाम्प पोस्ट लगाया गया है, लेकिन पानी सप्लाई के लिए गांव में पाइप लाइन का विस्तार नहीं किया गया है. कही टंकी निर्माण पूरा नहीं हुआ है तो कही पाइप लाइन विस्तार नहीं हुआ है यानी काम अधुरा पड़ा हुआ है. जिसके चलते लोगों को इस योजना के तहत पेयजल नहीं मिल पा रहा है.

यह नौकरी उन लोगों के लिए है जो भारतीय डाक सर्किल द्वारा निकाली गयी ब्रांच पोस्ट मास्टर, असिस्टेंट ब्रांच पोस्ट मास्टर, एवं डाक सेवक के पद पर कार्य करने के लिए इच्छुक हैं। तीनों पदों पर कुल 44,228 रिक्तियां निकाली हैं। इन पदों के लिए मासिक वेतन 10,000 से 30,000 रूपए रखा गया है। वैसे उम्मीदवार इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिक पास किया हो।साथ ही आवेदन कर्ता की आयु 18 से 40 वर्ष के बीच होनी चाहिए। इन पदों के लिए आवेदन शुल्क सामान्य वर्ग के लिए 100 रूपए तथा आरक्षित वर्ग एवं महिलाओं के लिए निशुल्क रखा गया है। इच्छुक उम्मीदवार को अपना आवेदन ऑनलाइन भरना होगा। अधिक जानकारी के लिए आवेदन कर्ता इस वेबसाइट पर जाकर जानकारी ले सकते हैं, वेबसाइट है www.indiapostgdsonline.gov.in/आवेदनकर्ताओं का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जायेगा। याद रखिये आवेदन करने की अंतिम तिथि 05/08/2024 है।

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मोटाभाई ने महज एक शादी में जितना खर्च किया है, वह उनकी दौलत 118 बिलियन डॉलर का 0.27 है। जबकि उनकी दौलत कृषि संकट से जूझ रहे देश का केंद्रीय बजट का 7.5 प्रतिशत से भी कम है। जिस मीडिया की जिम्मेदारी थी कि वह लोगों को सच बताएगा बिना किसी का पक्ष लिए, क्या यह वही सच है? अगर हां तो फिर इसके आगे कोई सवाल ही नहीं बनता और अगर यह सच नहीं तो फिर मीडिया द्वारा महज एक शादी को देश का अचीवमेंट बताना शुद्ध रूप से मुनाफे से जुड़ा मसला है जो विज्ञापन के रुप में आम लोगों के सामने आता है। क्योंकि मीडिया का लगभग पचास प्रतिशत हिस्सा तो मोटाभाई का खुद का है और जो नहीं है वह विज्ञापन के लिए हो जाता है "कर लो दुनिया मुट्ठी में” की तर्ज पर। दोस्तों, इस मुद्दे पर आप क्या सोचते है ?अपनी राय रिकॉर्ड करें मोबाईलवाणी पर, अपने फोन से तीन नंबर का बटन दबाकर या फिर मोबाईल का एप डाउनलोड करके।

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