माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

माता-पिता के रूप में जहाँ हम परवरिश की खूबियाँ सीखते हैं, वहीँ इन खूबियों का इस्तेमाल करके हम अपने बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दे सकते है।आप अपने बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ाने और उन्हें सीखाने के लिए क्या-क्या तरीके अपनाते है? इस बारे में बचपन मनाओ सुन रहे दूसरे साथियों को भी जानकारी दें। अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए दबाएं नंबर 3.

इस कार्यक्रम में हम जानेंगे कि कैसे गाँव के लोग मिलकर अपने समुदाय को मजबूत बना रहे हैं। जल संरक्षण, ऊर्जा बचत और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सामूहिक प्रयासों की ताकत को समझेंगे। साथ ही, यह भी जानेंगे कि कैसे छोटे-छोटे कदम मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं और गाँव के विकास में योगदान दे सकते हैं। क्या आपके समुदाय में ऐसे समूह हैं जो जल संरक्षण, आपदा प्रबन्धन या संसाधन प्रबन्धन पर काम करते हैं? अगर हाँ, तो हमें बताएं कि वे कैसे काम करते हैं? और अगर नहीं, तो इस कार्यक्रम को सुनने के बाद क्या आप अपने समुदाय में ऐसे सामूहिक प्रयास शुरू करने के लिए तैयार हैं?

सुनिए डॉक्टर स्नेहा माथुर की संघर्षमय लेकिन प्रेरक कहानी और जानिए कैसे उन्होंने भारतीय समाज और परिवारों में फैली बुराइयों के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई! सुनिए उनका संघर्ष और जीत, धारावाहिक 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में...

लाखों की लागत से बने आरआरसी सेंटर, फिर भी कूड़े का अंबार।। रुपया खर्च होने के बाद भी सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी-पानी । ब्लॉक जलालाबाद में 52 ग्राम पंचायत में आरआरसी सेंटर बनने के लिए आए थे अभी 40 गांव में आरआरसी सेंटर तैयार हुआ। विकासखंड जलालाबाद के गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छता संसाधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण करीब एक साल पहले कराया जा चुका है। आरआरसी। विकासखंड जलालाबाद में गांवों मे ठोस कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छता संसाधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण करीब एक साल पहले कराया जा चुका है। आरआरसी सेंटर का निर्माण चार से छः लाख रुपये की लागत कराया गया, लेकिन सरकार की गांवों को साफ- सुथरा रखने की मंशा पर पानी फिर रहा है। मॉडल गांवों का कूड़ा आरआरसी सेंटर न पहुंचकर गांवों की गलियों में बिखरा पड़ा रहता है। जलालाबाद ब्लॉक मे वित्तीय वर्ष 2022-23 में सात व 2023-24 में 52 ग्राम पंचायतों को मॉडल गांव के रूप में चयनित किया गया। इन गांवों को इंटर लॉकिंग, नाला/नाली निर्माण, स्वच्छ शौचालय,कायाकल्प के साथ-साथ गांव को स्वच्छ बनाये रखने के लिये अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (आरआरसी सेंटर) का निर्माण चार से छह लाख रुपये की लागत से कराया गया। अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा, प्लास्टिक कूड़ा, कांच का कूड़ा, पालीथिन का कूड़ा, गोबर का कूड़ा फेंकने के लिए अलग-अलग चेबंर का अगला निर्माण किया गया है। इनमें ब्लॉक क्षेत्र के मॉडल गांव नारा, खंण्डहर, रामपुर , हरेवा, इमलिया बुजुर्ग,सिकंदरपुर अफगान, खजुआ टॉपर, मालूपुर, जिग्नेहरा, रामपुर बझेड़ा, ठिंगरी, मिंगोल, चौखुटिया, चौकी आजमपुर, नूरपुर कराहीई, गुरुगांव, विचोला,पल्हरई, मनोरथपुर सेसै वारी , फरीदपुर, नगरिया बुजुर्ग, थाथारमई , मंगटोरा ,जवई पड़ी समेत 40 गांव शामिल हैं। इन गांवों की गलियों में जगह-जगह कूड़े व गंदगी का ढेर लगा हुआ है। गांव का कचरा आरआरसी सेंटर तक नहीं पहुंच रहा है। इससे लाखों रुपया खर्च होने के बाद भी सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी-पानी । वही अभी 12 गांव में आरआरसी सेंटर निर्माणाधीन जिन पर कार्य चल रहा है सरकार की लाखों रुपए की योजना पर ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान मिलकर पानी फेर रहे हैं।

इस कार्यक्रम में एक परिवार बात कर रहा है कि कैसे बढ़ती गर्मी से बचा जाए। वे चर्चा करते हैं कि शहरों में ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए, पानी बचाना चाहिए, और लोगों को इन बातों के बारे में बताना चाहिए। और सभी को मिलकर अपने आसपास की जगह को ठंडा और हरा-भरा बनाकर रखना चहिये

सुनिए इस कहानी को जो बच्चों को प्रेरित करती है दूसरों की मदद करके को लेकर |

हम सभी रोज़ाना स्वास्थ्य और बीमारियों से जुड़ी कई अफवाहें या गलत धारणाएं सुनते है। कई बार उन गलत बातों पर यकीन कर अपना भी लेते हैं। लेकिन अब हम जानेंगे उनकी हकीकत के बारे में, वो भी स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मदद से, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में। याद रखिए, हमारा उद्देश्य किसी बीमारी का इलाज करना नहीं, बल्कि लोगों को उत्तम स्वास्थ्य के लिए जागरूक करना है।सेहत और बीमारी को लेकर अगर आपने भी कोई गलत बात या अफवाह सुनी है, तो फ़ोन में नंबर 3 दबाकर हमें ज़रूर बताएं। हम अपने स्वास्थ्य विशेषज्ञों से जानेंगे उन गलत बातों की वास्तविकता, कार्यक्रम सेहत की सच्चाई में।

जन समस्या

हैलो शाहजहांपुर मोबाइल बानी में आप सभी श्रोताओं का स्वागत है और आप शाहजहांपुर मोबाइल बानी सुन रहे हैं । शाहजहांपुर जिले के नगर पंचायत कलां में मुख्य नाले का पानी बाहर नहीं निकल पा रहा है और वह पानी चौक नाले के समान है । इसने रुके हुए पानी में पड़ी कई पॉलिथीन चादरों का रूप ले लिया है और इस तरह मच्छर और बिना गंदे पानी में प्रवेश किए मक्खियां किसी भी नगर पंचायत के इस तरफ बीमारियों को बढ़ावा दे रही हैं । सफाई कर्मचारी और नगर पंचायत कार्यालय के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं और ऐसी स्थिति में हर तरह की बीमारियां शरण ले रही हैं , जिससे राहगीरों और नाले के आसपास के लोगों को बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है ।