गर्मी का कहर जो बरस रहा है, लोग कहते हैं कि यह प्रकृति का देन है, लेकिन ऐसा नहीं है। हमने जो बीज बोये हैं वो ही आज अंकुरित हो रहे हैं। क्योंकि जब हमने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है, जब हमने पेड़ों को नुकसान पहुंचाया है, तो प्लास्टिक की जितनी मात्रा का हमने दुरुपयोग किया है, आज हमारे पास जो पर्यावरण है वह नष्ट हो गया है। यह संतुलन में नहीं है और गर्मी का इतना प्रकोप है कि लोग घर से बाहर निकलने के लिए दूभर हैं

भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी जिला से विकेश प्रजापति ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया कि म सभी जानते हैं कि बदलते मौसम से लोग परेशान हैं, लेकिन लोगों ने अपनी समस्याएं बढ़ा दी हैं। न केवल पूरा बुंदेलखंड पीड़ित है, बल्कि पूरा देश गर्मी से पीड़ित है और कई जगहों पर आग लगने की कई घटनाएं हुई हैं और कई लोगों की जान भी गई है। जिन मजबूर परिवारों को अपनी आजीविका कमाने के लिए पूरे दिन घर से बाहर रहना पड़ता है और धाम में काम करना पड़ता है तो वे ऐसा करने के लिए मजबूर होंगे। जलवायु को प्रदूषित होने से बचाने के लिए, इस पर्यावरण को बिगड़ने से बचाने के लिए, हम आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ कर सकें ताकि हम जैसा अनुभव कर रहे हैं वैसा न हो।

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी ज़िला से विकेश प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पानी का प्राकृतिक स्रोत घट रहा है। कबतक बोरिंग के भरोसे में लोग रहेंगे। प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान हो रहा है। अभी लोग नहीं समझेंगे तो आगे बहुत मुश्किल होगा ,आने वाले दिनों में पानी खरीद कर पीना होगा

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी ज़िला से विकेश प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि पेड़ को काट काट कर अब पर्यावरण को नुकसान पहुँचाए है। प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर अब लोगों को परेशानी हो रही है।धूप में निकले तो लू से बचने के लिए सिर को ढ़क कर निकले,खासकर मज़दूर वर्ग के लोग। और पानी को पर्याप्त मात्रा में पीते रहे,निम्बू पानी पीते रहना चाहिए ,छाँव में बैठना चाहिए ।अब तो पानी की भी समस्या होने लगी है

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

उत्तरप्रदेश राज्य के झाँसी ज़िला से विकेश ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बढ़ते तापमान को देखते हुए लोगों ने खुद महसूस किया है कि आने वाले समय में हमें पौधों की कितनी आवश्यकता है। हम देख रहे हैं कि पृथ्वी के पानी का संकट गहरा हो रहा है और जल संकट दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है।हमें पानी का कम से कम उपयोग न करना पड़े क्योंकि हमें पानी खरीदना पड़ सकता है, इसलिए हमें पानी का संरक्षण करना होगा और पेड़ लगाना होगा।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला झाँसी से विकेश कुमार प्रजापति , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि बारिश होने के बाद भी नहीं मिली गर्मी से राहत। कल रात बुंदेलखंड, छुटपुट मूल में आंधी के बाद भी लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिली है और गर्मी बढ़ने से लोग बेचैन हैं, जबकि दोपहर में लोग मजबूरी में काम करने पर मजबूर हो जाते हैं। ये सभी उपाय किए जा रहे हैं और सरकारी प्रशासन भी सभी उपाय करके लोगों को सुविधाएं देने का पूरा प्रयास कर रहा है और आज बिजली आपूर्ति और पानी के संकट जैसी समस्याओं से लोग कई जगहों पर परेशान हैं। और यह स्थिति समस्याग्रस्त हो जाती है जब यह देखा जाता है कि जब लोग लू से परेशान होने के बाद बीमार हो जाते हैं, जब वे बीमार हो जाते हैं, तो वे अस्पताल जाते हैं और वे बड़ी राशि देकर इलाज करवा सकते हैं। आप कितना कमाएँगे, फिर आपको इलाज कहाँ से मिलेगा? यह तब लागू होता है जब गरीब परिवार हर दिन खाते हैं और कमाते हैं। उनके लिए एक बड़ा संकट है।

हीट वेव जागरूकता के इस प्रोमो में हम जानेंगे इस बढ़ती गर्मी का कारण क्या है। साथ ही इस गर्मी से बचाव के लिए क्या उपाय किये जा सकते हैं।