किसी भी समाज को बदलने का सबसे आसान तरीका है कि राजनीति को बदला जाए, मानव भारत जैसे देश में जहां आज भी महिलाओं को घर और परिवार संभालने की प्रमुख इकाई के तौर पर देखा जाता है, वहां यह सवाल कम से कम एक सदी आगे का है। हक और अधिकारों की लड़ाई समय, देश, काल और परिस्थितियों से इतर होती है? ऐसे में इस एक सवाल के सहारे इस पर वोट मांगना बड़ा और साहसिक लेकिन जरूरी सवाल है, क्योंकि देश की आबादी में आधा हिस्सा महिलाओं का है। इस मसले पर बहनबॉक्स की तान्याराणा ने कई महिलाओँ से बात की जिसमें से एक महिला ने तान्या को बताया कि कामकाजी माँओं के रूप में, उन्हें खाली जगह की भी ज़रूरत महसूस होती है पर अब उन्हें वह समय नहीं मिलता है. महिलाओं को उनके काम का हिस्सा देने और उन्हें उनकी पहचान देने के मसले पर आप क्या सोचते हैं? इस विषय पर राय रिकॉर्ड करें

आपका पैसा आपकी ताकत की आज की कड़ी में हम सुनेंगे अपने श्रोताओं की राय

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हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार बीस तीन सालों में दुनिया के पांच बड़े व्यापारियों की संपत्ति में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है, जिस समय इन अमीरों की दौलत में इजाफा हो रहा था, ठीक उसी समय पांच मिलियन लोग गरीब से और ज्यादा गरीब हो रहे थे। इससे ज्यादा मजे की बात यह है कि हाल ही में दावोस में हुई वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की बैठक में शीर्ष पांच उद्योगपतियों ने एक नई रणनीति पर चर्चा और गठबंधन किया।

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कोटेदार संघ के जिलाध्यक्ष निर्मोही उमेश त्रिवेदी की अगुवाई में कोटेदार कलेक्ट्रेट पहुंचे और जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजकर बताया कि उत्तर प्रदेश के कोटेदार काफी समय से अन्य प्रदेशों की भांति लाभांश वृद्धि के लिए मांग करते चले आ रहे हैं। हरियाणा, गोवा व दिल्ली में दो सौ रूपए कुंतल, उत्तराखंड में 180 रूपए प्रति कुंतल व गुजरात में भी दो सौ रूपए प्रति कुंतल कोटेदार को मानदेय दिया जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश में अभी तक नब्वे रूपए लाभांश का भुगतान कोटेदारों को दिया जा रहा है। लाभांश वृद्धि की मांग को प्रमुख संगठनों उत्तर प्रदेश सस्ता गल्ला विक्रेता परिषद, आल इंडिया फेयर प्राइज शाप डीलर एसोसिएशन फेडरेशन व आदर्श कोटेदार वेलफेयर एसोसिएशन ने एक जनवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय लिया है। मांग किया कि उचित दर विक्रेताओं का जब तक लाभांश दो सौ रूपये कुंतल अथवा तीस हजार रूपये प्रतिमाह मानदेय शासन द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता तब तक सभी उचित दर विक्रेता जनवरी 2024 तक खाद्यान्न वितरण नहीं करेंगे। इस मौके पर भारत कुमार साहू, राजेश कुमार, बृजेश कुमार, विनोद कुमार, बलवीर, भारत पटेल, शिव प्रसाद, मोहित सिंह, चेतना देवी, विमला देवी, नरेंद्र पांडेय, रमेश, गणेश, मेड़ीलाल भी मौजूद रहे।

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पंचायत भवन में लटकता था ताला मोबाइल वाणी ने खबर को किया प्रमुखता से प्रसारित डीपीआरओ ने मामले में तीन सचिवों और दो सहायकों का रोका वेतन व वीडियो कॉल के माध्यम से हाजिरी जांचने की कही बात

फतेहपुर जिले में अधिकतर पंचायत भवन में ताला लटकता मिलता है जिसकी खबर को मोबाइल वाणी ने प्रमुखता से दिखाया जिसके बाद डीपीआरओ ने मामले पर कार्रवाई करते हुए दो सचिवों का वेतन रोक दिया और कहा कि अब मोबाइल से हाजिरी जांची जाएगी

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला फतेहपुर से परमानन्द कह रहे है कि उन्होंने 13-12-2023 को मोबाइल वाणी पर एक खबर प्रसारित किया था। खबर में बताया गया था कि जिला में 18 ग्राम पंचायत है जिनमे से अधिकांश में ताला लगा रहता था ,इनमे से एक जरुली गाँव है जहा की पंचायत भवन को भी सिर्फ काम के भुगतान के लिए खोला जाता था जिससे लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इस खबर को हमारे सामुदायिक संवाददाता परमानन्द ने मोबाइल वाणी पर प्रसारित किया इसके साथ ही उच्च अधिकारीयों को समस्या से रूबरू भी कराया। अतः खबर का असर कुछ इस प्रकार हुआ की आज दिनांक 16-12-2023 को अधिकारी के द्वारा खबर को संज्ञान में लेते हुवे जाँच करवाया जिसके बाद उन्होंने 3 सचिवों और 2 सहायकों का वेतन रोक दिया है। अधिकारी के द्वारा यह निर्णय भी लिया गया है की अब से सचिवों और सहायकों की हाजरी विडिओ कॉल से जाँची जाएगी। इस खबर के असर के बाद अब ग्राम पंचायत भवनों को सुचारु रूप से खोला जा रहा है जिससे लोग बहुत खुश हैं और मोबाइल वाणी को धन्यवाद कर रहे हैं।