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फतेहपुर हसवा, । अभिलेखीय जांच के नाम पर हो रही वसूली पर ग्राम प्रधानों ने मंगलवार को ब्लाक प्रमुख से मिलकर विरोध जताया। आरोप लगाया है कि सोशल आडिट होने के बाद दोबारा उसी का आडिट करना न्यायसंगत नहीं है। प्रधानों ने ब्लाक प्रमुख को ज्ञापन दिया। ग्राम पंचायत क्षेत्र पंचायत व सहकारिता के लिए लेखा परीक्षक आडिट करता है। प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष दीपक द्विवेदी ने कहा कि जब सोशल आडिट हो चुका है तो उसी कार्य का दोबारा आडिट नहीं होना चाहिए। मनरेगा में समस्त भुगतान श्रमांश एवं सामग्री का भुगतान ब्लाक स्तर से किया जाता है। सभी आय व्यय का विवरण मनरेगा पोर्टल पर दर्ज है। जिसका अवलोकन कर सकते हैं। ब्लाक प्रमुख विकास पासवान ने बताया कि इसकी शिकायत शासन स्तर पर की जाएगी। एक काम का बार बार आडिट करना प्रधानों का शोषण होता है। ब्लाक प्रमुख संघ के जिलाध्यक्ष अमित तिवारी ने कहा कि तिथि निश्चित करके केंद्रीय राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति से मिला जाएगा। इस मौके पर अनूप यादव, बलवीर सिंह, प्रदीप सिंह, श्रवण कुमार, हरिश्चन्द्र एडवोकेट, दीपक, कैलाश शिवहरे आदि रहे। दो माह पहले हो चुका राज्य वित्त का ऑडिट इससे पहले राज्य वित्त व पन्द्रहवां वित्त का आडिट हो चुका है। जिसमें आय व्यय का ब्योरा व अभिलेखीय सत्यापन कराया जा चुका है। इसमें भी प्रधानों को धनराशि देनी पड़ी थी। तीन माह पहले मनरेगा डीडीओ के निर्देश में पांच सदस्यीय टीम ने भौतिक एवं स्थलीय सत्यपान कर अभिलेख चेक किए थे। इसी बात को लेकर प्रधानों में नाराजगी है।

फतेहपुर, । हेलो... लखनऊ सचिवालय से बोल रहा हूं, आपको प्रधानमंत्री आवास (कालोनी) मिला है। अपना आधार कार्ड, खाता और पैन नंबर आदि हमें बता दीजिए। यहां से सत्यापन करते ही आपके खाते में आवास की पहली किस्त पहुंच जाएगी...। ऐसे फोन कॉल इन दिनों दोआबा में बड़ी संख्या में लोगों के पास पहुंच रहे हैं। कई लोग ऐसे जालसाजों के झांसे में आकर बैंक डिटेल और ओटीपी शेयर कर ऑनलाइन ठगी का शिकार बन रहे हैं। ठग पीएम आवास सहित सरकारी योजनाओं के लाभ का झांसा देकर गरीबों के खाते साफ कर रहे हैं। जिले में हर महीने करीब 25 साइबर अपराध के मुकदमें पुलिस दर्ज करती है जिनमें कई मामले इसी तरह की फोन कॉल से जुड़े होते हैं। आवास का झांसा देकर खाते से उड़ाए 70 हजार कल्यानपुर थाना क्षेत्र के मौहार निवासी रमेश प्रजापति पेशे से मजदूर हैं। रमेश ने बताया था कि प्रधानमंत्री आवास के लिए कई बार ऑनलाइन आवेदन किया था। आवास नहीं मिल सका था। उसके मोबाइल नंबर पर कॉल आई। उसने कहा कि प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया था। वह सरकार ने पास कर दिया है। फोन करने वाले ने उसके खाता नंबर की जानकारी ली। एक खाता नंबर में 10 हजार जमा करने की बात कही। एक माह में आवास की रकम खाते में आने का भरोसा दिया। इसके बाद उसके बताए खाते में दस हजार जमा करा दिए थे। इसके बाद खाते से 60 हजार रुपये और उड़ा दिए। रमेश बैंक पहुंचे तब जानकारी हुई। थाने में मुकदमा दर्ज कराया था लेकिन अब तक पुलिस तलाश नहीं कर पाई। साइबर सेल ने वापस कराई रकम ललौली थाना क्षेत्र के अकिलाबाद गांव निवासी शिवकुमार के पास फोन कॉल आई जिसमें सरकारी योजना का लालच देकर केवाईसी कराने के नाम पर बैंक डिटेल्स मांगी। कुछ ही देर बाद खाते से 53 हजार रुपये निकलने का मैसेज आ गया। ऐसे ही राधा नगर क्षेत्र के मदरिया पुर गांव निवासी धीरज कुमार के पास भी एक फोन कॉल आई। इस दौरान इनसे भी बैंक खाते से संबंधित जानकारी मांगी गई। इसके बाद खाते से 1861 रुपये साइबर ठग ने पार कर दिया था। शिकायतों पर गंभीरता दिखाते हुए साइबर सेल की टीम ने पीड़ितों के बैंक खाते में रुपये वापस करा दिए थे। पंचायत स्तर पर ही मिलता आवास पीएम आवास ग्राम पंचायत स्तर पर ही मिलता है। इसकी बकायदा सूची बनी होती है। यदि कोई फोन पर पर आवास दिलाने या मिलने का दावा करता है तो सावधान रहें किसी को भी अपनी बैंक डिटेल्स और ओटीपी न शेयर न करें और न आवास के नाम कर किसी को रुपये दें। साइबर अपराध को रोकने में लोगों को भी जागरूक रहना होगा। फोन पर किसी को भी बैंक डिटेल्स शेयर नहीं करनी चाहिए। आवास दिलाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी के मामले प्रकाश में आए हैं। पुलिस खुलासे में लगी है। -विजय शंकर मिश्र, एएसपी

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