सरकार का दावा है कि वह 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन दे रही है, और उसको अगले पांच साल तक दिये जाने की घोषणा की है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में यह भी दावा किया कि उनकी सरकार की नीतियों के कारण देश के आम लोगों की औसत आय में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इस दौरान वित्त मंत्री यह बताना भूल गईं की इस दौरान आम जरूरत की वस्तुओं की कीमतों में कितनी बढ़ोत्तरी हुई है।
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
फतेहपुर, कार्डधारकों के हक का राशन काटे जाने सहित बोरियों में होने वाली घटतौली पर विभागीय हरकत शुरू हो गई है। कार्डधारकों संग कोटेदारों की परेशानियों के बावत खबरों को संज्ञान में लेते हुए डीएसओ ने क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी और पूर्ति निरीक्षकों को जांच के लिए पत्र जारी किया है। कोटेदारों द्वारा प्रति राशन कार्ड पात्रों का राशन काटे जाने के मामले को उजागर किया गया था। वहीं राशन की दुकानों में पहुंचने वाली बोरियों में भी घटतौली किए जाने के मामले भी प्रकाश में आए थे। डीएसओ अभय सिंह ने बताया कि जांच के लिए क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी व पूर्ति निरीक्षकों को आदेश जारी किया गया है।
फतेहपुर देवमई,।दो माह का राशन वितरण न करने पर पात्र लाभार्थी महिलाओं ने क्षेत्र के दिलावरपुर स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में जमकर हंगामा काटा। महिलाओं ने आरोप लगाया कि सितम्बर माह के बाद अक्टूबर व नवम्बर में राशन का वितरण आंगनबाडी केंद्र नहीं किया गया। सोमवार को क्षेत्र के दिलावलपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर होने वाले राशन वितरण के दौरान कम राशन दिए जाने का आरोप लगाकर महिलाओं ने हंगामा काटा। राशन लेने पहुंची महिलाओं का आरोप था कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संग सहायिक द्वारा विभागीय मिलीभगत के चलते उनके हिस्से दो माह का राशन डकार लिया गया है। नेहा, अंशुईया, सरिता, शशी, उर्मिला आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि सितम्बर माह के बाद सीधे दिसम्बर माह में राशन का वितरण किया जा रहा है। जबकि अक्टूबर व नवम्बर के राशन का वितरण नहीं किया गया है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू ने बताया कि जितना राशन मिलता है उसका शत प्रतिशत वितरण किया जाता है। उन्होंने हंगामा करने वाली महिलाओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया। जबकि बीडीओ सुषमा का कहना है कि राशन कटौती के बावत जानकारी की जाएगी यदि दो माह के की कटौती का मामला सही पाया जाता है तो स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। वहीं सीडीपीओ अर्जुन सिंह ने बताया कि अक्टूबर माह का राशन वितरण कराया जा रहा है। नवम्बर माह का राशन केंद्र में प्राप्त होने पर उसका वितरण कराया जाएगा।
Transcript Unavailable.
फतेहपुर गरीबों के हक में कटौती और कोटेदारों का खेल नया नहीं है। अब कोटेदारों ने नया पैंतरा इजात किया है। बाजार में गेहूं और चावल की महंगाई को देखते हुए राशन वितरित किया जा रहा है। यानी चावल का बाजार भाव ज्यादा होने पर गेहूं और गेहूं की कीमतों में इजाफा पर चावल वितरित किया जा रहा है। उसके पीछे भंडार संबंधित अनाज का उठान नहीं होने और अगले में महीने उठान होने का तर्क देकर कार्ड़ धारकों को गुमराह किया जा रहा है। आपके अपने फतेहपुर मोबाइल वाणी की पड़ताल में कुछ ऐसे हालात सामने आए। शहर के राधानगर का एक कोटेदार ने इस माह गेहूं का वितरण नहीं किया। पांच यूनिट वाले पात्र गृहस्थी के कार्ड धारकों को 15 किलो गेहूं और 10 किलो चावल वितरण की व्यवस्था है लेकिन कोटेदार ने 25 किलो चावल वितरित किया गया। तर्क दिया गया कि इस बार गोदाम से गेहूं का उठान नहीं हुआ। अगले माह गेहूं बंटेगा। अमौली कस्बे के एक कोटेदार ने भी सिर्फ चावल का वितरण कर गेहूं का वितरण नहीं किया। सरकंडी (असोथर), जमरावां और किशनपुर में भी कुछ कोटेदार द्वारा गेहूं को दबा कर सिर्फ चावल बांटा गया है। सूत्रों का कहना है कि कोटेदार अत्यधिक कमाई के फेर में बाजार भाव को देखते हुए एक दो माह के अंतराल में वितरण में यही पैतरा अपनाते हैं। अपात्र डकार रहे गरीबों का हक हसवा में कोटेदारों की मनमानी से कार्डधारक हलकान हैं। कार्डधारकों की माने तो समय से राशन का वितरण नहीं किया जाता। जब किया जाता है तो यूनिट के अनुसार कटौती की जाती है। क्षेत्र के बिलंदा, केशवपुर, रसूलपुर बबईचा, वीर बुधनपुर तथा अशवा बक्सपुर का भी ऐसा ही हाल है। उधर छिवलहा क्षेत्र में भी कोटेदारों के यहां कटौती की जाती है। साथ ही पात्रों के स्थान पर अधिकतर अपात्रों के राशन कार्ड बने हुए है। जिनमें यूनिट के अनुसार दो से पांच किलो की कटौती की जाती है। -कोटेदार ने गेहूं को दबा बांटा चावल,बोले नहीं हुआ उठान विरोध पर की जाती है दबंगई, नहीं होती शिकायत पर कार्रवाई घटतौली की शिकायत आम, होता कुछ नहीं देवमई ब्लाक के अधिकांश गांवों में प्रति राशन कार्ड एक से दो किलो तक राशन कम दिया जाता है। इतना ही नहीं अंत्योदय कार्ड धारक को मिलने वाली चीनी भी प्रति कार्ड 500 ग्राम से एक किलो तक कम दी जाती है। विरोध करने पर अफसरों को जानकारी की बात कही जाती है। इस प्रकार के मामले प्रकाश में नहीं आए हैं, जहां से भी शिकायत आई उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है। मामले की जांच कराई जाएगी यदि किसी कोटेदार के खिलाफ इस प्रकार के मामले प्रकाश में आते है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। -अभय सिंह, डीएसओ