कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की स्वीकारोकती के बाद सवाल उठता है, कि भारत की जांच एजेंसियां क्या कर रही थीं? इतनी जल्दबाजी मंजूरी देने के क्या कारण था, क्या उन्होंने किसी दवाब का सामना करना पड़ रहा था, या फिर केवल भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। जिसके लिए फार्मा कंपनियां अक्सर कटघरे में रहती हैं? मसला केवल कोविशील्ड का नहीं है, फार्मा कंपनियों को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं, उसके बाद भी जांच एजेंसियां कोई ठोस कारवाई क्यों नहीं करती हैं?

कोई भी राजनीतिक दल हो उसके प्रमुख लोगों को जेल में डाल देने से समान अवसर कैसे हो गये, या फिर चुनाव के समय किसी भी दल के बैंक खातों को फ्रीज कर देने के बाद कैसी समानता? आसान शब्दों में कहें तो यह अधिनायकवाद है, जहां शासन और सत्ता का हर अंग और कर्तव्य केवल एक व्यक्ति, एक दल, एक विचारधारा, तक सीमित हो जाता है। और उसका समर्थन करने वालों को केवल सत्ता ही सर्वोपरी लगती है। इसको लागू करने वाला दल देश, देशभक्ति के नाम पर सबको एक ही डंडे से हांकता है, और मानता है कि जो वह कर रहा है सही है।

उत्तरप्रदेश राज्य के डोरिया जिले के पुनीत कुमार पांडे ने मोबाइल वाणी के माध्यम से बताया की जिला मुख्यालय से सिर्फ दो किलोमीटर दूर सड़क गड्ढों में बदल गई है , सड़क की हालत इतनी खराब है कि वहां जाने वाले लोग बहुत परेशान हैं ,

देवरिया ,माहीगंज ,स्थानीय लोगों का कहना है कि कोटेदार द्वारा राशन कम दिया जा रहा है।

नमस्कार , मैं सोनू कुमार यादव हूँ , मोबाइल वाड़ी में आपका स्वागत है , इस समय मैं सुधामा चौराहा में उपस्थित हूँ और आपको बता दूं कि सुधामा चौराहा बाटुलाही होते हुए बटुलाही के दोनों ओर यानी सड़क के दोनों ओर है । नाला बना रहता है लेकिन नाला बनने के बाद से इसका उपयोग कभी नहीं किया गया है , इसलिए मैं आपको बता दूं कि नाला बनाया गया था लेकिन नाली को मिट्टी से बंद कर दिया गया है और जब भी हल्की बूंदा - बांदी या भारी बारिश होती है । यदि ऐसा होता है , तो सुधामा चौराहा में जलभराव की समस्या पैदा हो जाती है , जो जिम्मेदार अधिकारी हैं , यदि आप इस पर ध्यान देते हैं और नाले में मिट्टी निकालकर उसे चालू करते हैं , तो सुधामा चौराहा में पानी की एक बूंद भी ।

बिजली की समस्या से जूझ रहा हूँ , ग्राम पंचायत रामनगर , आपको बता दूं कि रामनगर में बिजली की समस्या लंबे समय से है , गाँव में कोई खंभे नहीं हैं । ग्राम प्रधान से लेकर विधायक तक लोग शिकायत कर रहे हैं लेकिन अभी तक खंभे न होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । यह अंधेरे में हो रहा है , हालांकि हम आपको बताते हैं कि लोग विधायक से प्रधान से शिकायत कर रहे हैं , लेकिन यह समस्या अभी तक हल नहीं हुई है ।

इस समय मैं देवरिया जिले के ऋतु विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मटिरी ग्राम सभा में उपस्थित हूँ और आपको बता दूं कि मटेरी ग्राम सभा में जल निकासी की कोई समस्या नहीं है । आपको बता दें कि ग्रामीणों का कहना है कि हमारी ग्राम सभा में जल निकासी की समस्या लंबे समय से चल रही है और ग्राम प्रधान जल निकासी की समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं । हालांकि आपको बता दें कि स्थानीय लोगों ने इस मामले को लेकर मीडिया से संपर्क किया है और मीडिया के सामने अपनी पीड़ा व्यक्त की है और कहा है कि हमारी ग्राम सभा में जल निकासी की समस्या कई महीनों से है और इस जल निकासी की समस्या का समाधान नहीं हुआ है ।

रोड देवड़ी होते हुए सल्लेहपुर जा रही है । या फिर यह जिले में आता है , सड़क जर्जर हो गई है , आना - जाना बहुत मुश्किल है और वहाँ वानक का मंदिर है , एक संस्था है , बहुत अच्छी जगह है , बहुत ट्रैफिक है और वह सड़क है ।

साथियों , आप देवरिया मोबाइल वाणी सुन रहे हैं और मैं देवरिया के भट परानी लोकसभा क्षेत्र से पुनीत कुमार पांडे हूं । विकास की गंगा पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं , आपको बता दें कि भाटपारानी विधानसभा क्षेत्र के सुगरा से अक्ताई जाने वाली एकल ए सड़क अभी उखड़ गई है और सड़क उखड़ने से जनता बहुत परेशान है और सड़क केवल दिखने में है । उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्य या मरम्मत कार्य दिखाया जाता है , जिस पर यह भी सवालिया निशान है कि जब विकास की गंगा बह रही होगी तो सड़कों की स्थिति क्या होगी , इस संबंध में जब पूर्वांचल मुक्ति वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रेश सिंह अमेठी ने देवरिया की मोबाइल टीम के साथ बातचीत की थी । उसी मार्ग से गुजरते हुए उन्होंने कई बातों पर अपने विचार भी व्यक्त किए और अफसोस जताया कि विकास की गंगा केवल प्रदर्शन में बह रही है ।

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