उत्तरप्रदेश राज्य के बलिया ज़िला से मनु कुमार प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि लगातार हो रही पेड़ों की कटाई से पानी का स्तर पचास फुट नीचे चला गया है । वर्ष 2001 में पहले 15 से 25 फुट की गहराई पर पानी उपलब्ध हो जा रही थी लेकिन वर्तमान में भूजल बहुत नीचे चला गया है

उत्तरप्रदेश राज्य के बलिया ज़िला से मनु कुमार प्रजापति ,मोबाइल वाणी के माध्यम से कहते है कि बलिया के रकसर नगर में बाजार के लाखों की लागत में लगा आरओ मशीन महीने से ख़राब पड़ा है। सार्वजनिक आरओ ख़राब हो जाने से लोगों को शुद्ध जल नहीं मिल रहा है।

साथियों, हमें बताएं कि क्या आपके क्षेत्र के सरकारी जिला अस्पतालों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी में पानी की कमी है? क्या वहां प्रशासन ने पानी की सप्लाई व्यवस्था दुरूस्त नहीं की है? अगर अस्पताल में पानी नहीं मिल रहा है तो मरीज कैसे इलाज करवा रहे हैं? क्या पानी की कमी के कारण बीमार होते हुए भी लोग इलाज करवाने अस्पताल नहीं जा रहे? या फिर आपको अपने साथ घर से पानी लेकर अस्पताल जाना पड़ रहा है? अपनी बात अभी रिकॉर्ड करें, फोन में नम्बर 3 दबाकर.

इस भीषण गर्मी से बचना है तो इन बातों का हमेशा ध्यान रखना है। नियमित रूप से पानी पीना, भोजन में पौष्टिक तत्व और ठंडी चीज़ों को शामिल करना और हल्का भोजन करना। अगर आपने इस भीषण गर्मी से बचने के लिए कोई खास तरीका अपनाया है या फिर अपने भोजन में किसी तरह की कोई खास चीजें शामिल की हैं, जिससे कि इस भीषण गर्मी में कुछ राहत मिल सके, तो अपने ये उपाय सभी के साथ जरूर बांटें।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलिआ से मनु कुमार प्रजापति , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि मनरेगा मजदूरों के द्वारा तालाब खोदा गया था जिसमे अभी तक पानी नहीं है। लोग परेशान है।

उत्तरप्रदेश राज्य के जिला बलिआ से मनु कुमार प्रजापति , मोबाइल वाणी के माध्यम से यह बताना चाहते है कि जून का महीना चल रहा है लेकिन अभी तक मानसून का कोई निशान नहीं है। पानी सामान्य से नीचे पहुंच गया है, जिससे हेड पंप से पानी की आपूर्ति बंद हो गई है, जबकि नदियों का जल स्तर भी नीचे चला गया है। जिससे जल संकट गहराता जा रहा है। कई तालाब सूख गए हैं। यह सरकार के आदेश पर था ,टंकी में पानी भरने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि जानवरों और जानवरों का बिना पानी के दम घुटने न लगे

भीषण गर्मी और लू के कारण स्वास्थ्य, पर्यावरण, कृषि और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव पड़ रहे हैं, इन सभी खतरों से निपटने के लिए हमें तैयारियां करनी होंगी।

गर्मी से बचने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने होंगे | बिजली का जरुरत से ज्यादा इस्तेमाल ना करें, पानी का सही इस्तेमाल करें और जब तक ज़रूरी ना हो, घर से बाहर धुप में ना निकले |

दोस्तों, फसले बिना केमिकल के जी जाती हैं पर पानी के बिना तो जमीन बेजान ही है! मवेशियों में भी कहां इतनी जान होगी कि वो खेत जोत पाएं, हमें दूध दे पाएं! पानी तो सबको चाहिए , पर... साथियों, हमें बताएं कि पानी के प्राकृतिक स्त्रोत खत्म होने से आपको किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? क्षेत्र के कुएं, पोखर और तालाब प्रशासन ने खत्म कर दिए हैं या फिर वे सूख रहे हैं? क्या इन्हें बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं? अगर स्त्रोत सूख रहे हैं तो आपके पास पीने के पानी का क्या विकल्प है? क्या खेतों में पानी नहीं पहुंचने से फसलों को नुकसान हो रहा है? पानी की कमी के कारण किसानों और पशुपालकों को किस तरह की दिक्कतें हो रही हैं? खेतों में पानी पहुंचाने के लिए आपने क्या व्यवस्था की है और क्या यह पर्याप्त है? दोस्तों, पानी अहम है क्योंकि ये हमें जीवन देता है और आप तो जानते ही हैं.... जिंदगी जरूरी है!

दोस्तों , सूरज की तपन बढ़ रही है और प्यास है कि खत्म होने का नाम नहीं लेती! हमें बताएं कि आपके क्षेत्र में पीने के पानी का साधन क्या है? क्या आप प्राकृतिक स्त्रोतों, जैसे कुएं, तालाब, पोखर से पानी लाते हैं? अगर आपके क्षेत्र में पानी के प्राकृतिक स्त्रोत नहीं हैं तो क्या पानी के लिए बोरवेल लगवाया है? या फिर पानी की सप्लाई हो रही है? क्या आपको पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है? अगर ऐसा है तो इससे आपके लिए कितना आर्थिक खर्च बढ़ गया है? क्या पंचायत या नगर पालिका क्षेत्र के प्राकृतिक पानी के स्त्रोतों को बचाने का काम नहीं कर रही है? क्या आपमें से कोई व्यक्ति ऐसा है, ​जो पानी के स्त्रोतों को बचाने की कोशिश कर रहा है? अगर है तो उनके प्रयासों के बारे में बताएं. अपनी बात रिकॉर्ड करने के लिए फोन में अभी दबाएं नम्बर 3.