सुने हिंदी मुक्तक कविता ,कल्पना की कली दिल में खिलने लगी भावनाओं की आंधी में हिलने लगी रूप दीपनों का दस मिला रूपसे एक कविता से मिलने लगी जिंदगी नया का एक इशारा लगा जैसे मुझको किसी का पुकारा लगा किनारा मिला मैं अकेले स चला था सफर में मगर तुम मिले तो मुझे एक सहारा लगा

अनुष्का मौर्य ने एक कविता सुनाई , कविता अश्रु बहने दो भावनाओं की सूरत है अश्रु , जब शब्द समाप्त होते हैं तो शब्द बोलते हैं , अश्रु खुशी का ज्वार और गम का भाव है । उन्हें बहने न दें , आज आपने चाँद को चूमा है , आपकी मेहनत ने आपको सफलता दिलाई है , उस भावना को आपको रोकने न दें । यदि आपने किसी ऐसे व्यक्ति को खो दिया है जिसके साथ आप जीवन में रहे हैं , तो शब्द इस दुख को व्यक्त नहीं कर पाएंगे । आप मन को ज्ञान में कैसे समझाते हैं , इसलिए रुकें नहीं , भावनाओं के आवेग को तोड़ें , आँसू की धारा को बहने दें , आसू की धारा को धन्यवाद दें ।