आकांक्षा मौर्य आजमगढ़ मोबाइल वाणी से, होली के लिए घर का बना नाश्ता तैयार करें साबूदाने के पापड़ नोट करे विधि , हम मेहमानों को विभिन्न प्रकार के स्नैक्स परोसते हैं । लोगों द्वारा चिप्स को संग्रहीत करने के सबसे आसान तरीकों में से एक पापड़ और गुजिया बनाना है । होली पर साबूदाने का पापड़ बनाने के अलावा , लोग इसे नाश्ते के लिए और उपवास के दौरान चाय के साथ खाना भी पसंद करते हैं । आपकी साबूदाना की पापड़ की रेसिपी लेकर आये है और आप निश्चित रूप से इसका स्वाद पसंद करेंगे । आवश्यक सामग्री ,साबूदाना -दो कप ,छोटे आकर के पानी -दस कप ,नमक स्वादानुसार,जीरा - दो बड़े चम्मच , लाल मिर्च - एक बड़ा चम्मच ,विधि सबसे पहले , साबूदाने को धो लें और इसे एक बाउल दोगुने पानी के कटोरे में दो घंटे के लिए भिगो दें । एक बर्तन में छह कप पानी डाल कर उबाल आने दें , फिर भिगोए हुए साबूदाना , नमक , जीरा , लाल मिर्च पाउडर डालें और चम्मच चलाते हुए साबूदाना पकाएं ताकि यह नीचे न चिपके और जब साबूदाना का घोल गाढ़ा हो जाए तो आंच बंद कर दें । ध्यान दें कि घोल को पकने में आधा घंटा लगता है , अब इसे एक साफ जगह पर चादर बिछा कर ऊपर पॉलिथीन शीट फैलाएं। अब घोल के ठंडा होने के बाद , इसे पॉलिथीन सीट पर एक बड़ा चम्मच भरकर साबूदाना घोल डालकर उसे अच्छी तरह फैलाएं , इस प्रकार एक इंच की दूरी रख कर सारे घोल का पापड़ तैयार कर लें , फिर चार से पांच घंटे के बाद सभी पापड़ को पलटते रहे ,दो तीन दिन की धुप में सुखाए ,सूखने के बाद इसे तल कर खाए और बचे हुए पापड़ को तलकर कंटेनर में रख लें ।

उत्तरप्रदेश राज्य के आजमगढ़ जिले की आकांक्षा ने मोबाइल वाणी के माध्यम से आलू अरारोट का पापड़ बनाने की विधि बताई है, सबसे पहले उबले हुए आलू एक कप, अरारोट, काली मिर्च पीसी हुई अजवाइन ,कलोंजी, पानी ,तेल, पन्नी इसे बनाने के लिए सबसे पहले आलू को मेस कर लें एक कप आलू में छः कप पानी डालें नमक और कलोंजी मिलाएं अब कालीमिर्च पाउडर और अजवाइन डालें अब इसे धीमी आंच में पकाएं जैसे ही ये गाढ़ा होने लगे इसमें पानी डालें और पतला करें देखने में ये बेटर पतला होना चाहिए अब हल्का हल्का तेल लगाकर घोल को डालें

आकांक्षा हमारी आजमगढ़ मोबाइल वानी से बोल रही है दक्षिण भारतीय भोजन का साथ बढ़ता है चावल पापड़ जानी इन्हें घर पर बनाने का तरीका चावल का आटा न केवल स्वास्थ्य को मजबूत करता है बल्कि इसमें मौजूद प्रोटीन कैल्शियम मांसपेशियों को भी ताकत देता है । पापड़ को प्रसिद्ध भारतीय नाश्ते में गिना जाता है । चाय और नाश्ते के अलावा , लोग दोपहर के भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए भी इसका बहुत सेवन करते हैं । वास्तव में , चावल का आटा पूरी तरह से लस मुक्त है , यह न केवल आंत के स्वास्थ्य को मजबूत करता है , बल्कि इसकी प्रोटीन और कैल्शियम सामग्री वैसोप्रेसिन को मजबूत करने में मदद करती है । लीवर को स्वस्थ रखने के लिए फाइबर के लाभ हड्डियों को मजबूत रखता है लोग बहुत सारे चावल या पापड़ खाते हैं । इसे बनाने के लिए आपको एक कप वनस्पति तेल , एक चम्मच जीरा , आधा चम्मच लाल मिर्च पाउडर , एक चुटकी हल्दी , चार चम्मच पानी और दो चम्मच नमक की आवश्यकता होगी । चावल का पापड़ बनाने के लिए , बाली में एक कप चावल का आटा लें , दो कप पानी डालें , आटा अच्छी तरह से मिलाएं , सुनिश्चित करें कि कोई गांठ न हो , चावल के आटे की थीम बैटर तैयार करें , जीरा , नमक , लाल मिर्च पाउडर डालें और बैटर के सेट होने तक दस मिनट तक प्रतीक्षा करें । इसे गर्म पानी के बर्तन में उबलने दें और बर्तन को ढक्कन से ढक दें , चावल को दस मिनट के लिए छोड़ दें जब तक कि चावल का आटा तैयार न हो जाए , फिर धूप में सुखा लें ।

उत्तरप्रदेश,आजमगढ़ की आकांक्षा द्वारा हरी मिर्च का अचार बनाने का तरीका बताया गया जिसमें छोटी हरी मिर्च, दो कटोरी सरसों का तेल ,दो बड़े चम्मच सौंफ , 2 कप हल्दी , 2 कप सरसों पाउडर , एक चम्मच सुखी धनिया, दो चम्मच मेथीदाना,आधा चम्मच कलोंजी, एक चम्मच नमक स्वादानुसार अब हरी मिर्च को धोकर छोटे छोटे टुकड़े में काट लें और अलग बर्तन में रख दें दूसरी पेन में सूखा धनिया, सौंफ, कलोंजी हल्का हल्का भुनें लें अब भुने हुए मसाले को पीसकर अलग रख लें ध्यान रखें की मसाला ज्यादा बारीक़ न हो इससे अचार का स्वाद बना रहता है और इन सबको मिलकर धुप में सूखा दें

उत्तर प्रदेश राज्य के आज़मगढ़ जिला से मोबाइल वाणी के माध्यम से मंजू देवी भुनी दाल की कचौड़ी बनाने की विधि बता रही हैं। इसके लिए उर्द की धूलि दाल, आटा , घी, नमक, लाल मिर्च, सौफ, धनिया और हींग ले। कचौड़ी बनाने के छह घंटे पहले उर्द दाल को भिगो देते हैं। परात में 500 ग्राम घी लेकर आटे को गूथ लेते हैं और भीगी हुई दाल को पीसकर उसमे धनिया, हींग, लाल मिर्च, नमक, सौफ और हरी मिर्च का भरावन तैयार करते हैं। फिर घी गरम करके तैयार भरावन को भून लेते हैं उसके बाद आटे की छोटी छोटी गोलिया बनाते हैं और अंगूठे की सहायता से बिच में दबाते हुए गोली को थोड़ा सा बड़ा करते हैं और उसके बाद भरवां को भरकर गोलियों को बंद कर देते हैं। उसके बाद चकले पर इसे रखकर बेल लेते हैं और कढ़ाई में घी गरम करके इसे दोनों तरफ से सेक देते हैं उसके बाद भुनी दाल की कचौड़ी तैयार हो जाती है

उत्तर प्रदेश राज्य के जिला आज़मगढ़ से मोबाइल वाणी के माध्यम से अंजू देवी लौकी की भरफी बनाने की विधि बता रही हैं। इसके लिए लौकी, घी, खोआ, किसमिस चीनी, काजू, बादाम, छोटी इलाइची और गुलाब जल ले। लौकी को धोकर और छीलकर उसे कस करले फिर कढ़ाई में घी को गरम करके लौकी के पानी को खोआ में फ्राई करें। उसके बाद दूसरे भगोना में पानी गरम करके चीनी डाले और चासनी बना ले। फिर भुने खोआ और लौकी को चासनी में डालते हैं उसके बाद काजू, किसमिस, बादाम, छोटी इलाइची और गुलाब जल को डालते हैं। फिर थाली में थोड़ा घी लगाकर चासनी में भीगी लौकी को फैला देते हैं और ठंडा होने पर चाक़ू से उसे भरफी के साइज में काटकर परोस देते हैं

एक बार फिर आ गया है... ग्लेनमार्क कुकिंग कॉम्पटीशन!! जहां आपको रिकॉर्ड करनी है पोषक तत्वों से भरे व्यंजनों की रेसिपी. चुने हुए प्रतिभागियों को मिलेगा मुंबई जाने का मौका.. तो फोन में नम्बर 3 का बटन दबाएं और रिकॉर्ड करे रेसिपी!!