रानी कविता जिद उस्की हथिली है लड़की चल झड़ी है नजमिक सा पंखा है वो गुड़िया रंग रंगीली है छोड़ । अपने मन को छिपाना , मुस्कुराना , अपनी अचानक घबराहट , अपनी आँखें दिखाना , उसकी एक चीज जो जीवन को रोशन करती है , वह मेरा शासन है । जब बेटी गले लगे तो आओ , शायद बचपन में मैं आपको गले लगाने के लिए नियत नहीं हूं । भगवान से प्रार्थना करें कि आप मेरे आंगन में बहू के रूप में आएं , बहू के रूप में नहीं ।