मैं कालकार हूँ , मैं कलामकार हूँ , मैं शब्दों से सजाता हूँ जहाँ मैं शब्दों से रचना करता हूँ । मैं इसे शब्दों के साथ मनाती हूं , शब्द मेरे गीत हैं , शब्द मेरे संगीत हैं , शब्द मेरे विचार हैं , शब्द मेरा प्यार हैं , शब्द मेरे भगवान हैं , शब्द मेरी पूजा हैं , शब्द मेरी भावनाएं हैं , शब्द मेरी इच्छाएं हैं । मैं कलम हूँ , मैं कलम हूँ , मैं वे शब्द हूँ जहाँ मैं फूलों की सुगंध , मधुमक्खियों की आवाज़ , खेतों की आवाज़ , किसानों की आवाज़ , मीरा की भक्ति का शब्द बनाती हूँ । शब्द राणा की शक्ति हैं शब्द मेरे सच्चे साथी हैं शब्द मेरे अद्वितीय उपहार हैं मैं कलमकार हूं शब्द कलमकार की प्रार्थनाओं में शब्द हैं अरदास शास्त्रों में शब्द हैं । की बड़ी शब्द है जन जन में बड़ी शब्द है , शब्दों में शक्ति होती है । शब्दों में शक्ति होती है । सम्मान शब्दों पर आधारित होता है । जीवन शब्दों पर आधारित है । जहाँ मैं हूँ , वहाँ मैं हूँ । कलंकर । मैं हूं । कलंकर ।