बांका मोबाइल वाणी पर सुभाष रिकार्ड कराते हैं की सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्राओं को कस्तूरबा विद्यालय की तरह हीं अगर पैड की राशी की जगह अगर पैड दिया जाय तो स्वच्छता के उद्देश्य को पूरा करना आसान हो जायेगा।