रामरूप मेहता उस दीये की तरह हैं, जो खुद जलकर दूसरों को रास्ता दिखाता है। आदर्श समाज का निर्माण शहीद रामरूप मेहता की राह पर चलकर ही हो सकता है। उन्होंने अपने सिद्धांतों के लिए, समाज की रक्षा के लिए और राजनीतिक शुचिता के लिए अपना बलिदान दिया। उनके सपनों को पूरा करना हम सबका लक्ष्य है। उक्त बातें में मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शशि प्रताप शाही ने कहीं। वे 44वें रामरूप मेहता महोत्सव को उद्घाटन करने के बाद संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि किसी इंसान को मारकर उसके विचारों को नहीं मारा जा सकता है।