राजीव की डायरी को सुनने के बाद जिज्ञासा से सीतापुर की कुछ गॉव में जाकर मिडडे खाने के बारे में जानकारी ली। तो लोगों से बात की लोगों से बात करके यह पता चला कि स्कूलों में जो मिडवे यानी कि यह स्कूलों में जो खाना दिया जाता है, वह कितना स्वास्थ्य होता है या स्वास्थ्य लाभ इसकी जानकारी के लिए स्कूल के प्रधानाचार्य से बात की और साक्षात वहां पर देखा तो सीतापुर की कई स्कूलों में स्थिति काफी अच्छी है| खाना पौष्टिक रहता है और जो समय-समय पर दिया जाता है,वह भी अच्छा होता है| कई शिक्षक मिडिल का ही खाना खाते हैं, जिससे उनको स्वाद का भी पता चलता है कि बच्चों को कैसा खाना दिया जा रहा है| सबसे अच्छी बात यही है कि टीचर और प्रिंसिपल दोनों ही क्योंकि खाने को लेकर बहुत ही सजक रहते हैं|