सीतापुर जिले में चल रही गन्ना मिलों का पेराई सत्र शुरू हो गया है। गन्ना किसान मेहनत से उगाए गन्ने को मिल तक पहुंचाने की जद्दोजहद में जुटे हैं। इस दौरान इन गन्ना किसानों को ठगने के लिए एजेंट भी सक्रिय हो गए हैं। ऐलिया ब्लॉक के टिकरा बाजार, इमलिया सुल्तानपुर, फरर्कपुर, चांदूपुर व अन्य जगहों पर खुलेआम अवैध गन्ना मंडियां चल रही हैं। सरकार द्वारा निर्धारित गन्ना मूल्य से करीब सौ रुपये सस्ता गन्ना बेचना किसानों की मजबूरी है। पेड़ी की फसल की पर्ची गन्ना मिलों द्वारा समय से उपलब्ध नहीं कराई जाती है, जिससे किसानों के आगे खेत को मजबूरी में खाली करने के लिए गांव-गांव घूमने वाले इन एजेंट का सहारा लेना पड़ता है। दूसरी ओर जिन लोगों के खेत में गन्ना बोआ नहीं गया है, उनका नाम सर्वे में शामिल कर उन्हें समय से पर्चियां दे दी जाती हैं। इन्हीं पर्चियों के आधार पर ये एजेंट गन्ना किसानों को ठग लेते हैं। गन्ना एजेंट ही गन्ने का मूल्य न्यूनतम करीब 200 रुपये निर्धारित कर देते हैं। बाद में सरकारी रेट पर इसे मिल में सप्लाई कर हजारों रुपये कमाते हैं। इस खेल में गन्ना पर्यवेक्षक से लेकर मिल के अधिकारी तक शामिल रहते हैं।