पांच माह के लंबे अंतराल के बाद अब बैंड बाजा और बरात का दौर शुरू हो रहा है। भगवान विष्णु आज योग निद्रा से जाग जाएंगे। देवोत्थानी एकादशी पर इस बार कई दुर्लभ संयोग के साथ राजयोग बन रहा है। इसके साथ मांगलिक कार्य शुरू हो रहे हैं। इस दिन जिले में 500 शादियां होने का अनुमान है। ये सहालग 15 दिसंबर तक चलती रहेगी। सहालग को लेकर बाजार में भी रौनक नजर आने लगी है। शादियों के लिए गेस्ट हाउस, बैंड बाजा, वाहन, बग्घी इत्यादि की एडवांस बुकिंग हो चुकी हैं। आचार्य रमेश चन्द्र शास्त्री ने बताया देवोत्थानी अथवा देवउठनी एकादशी तिथि का आरंभ 22 नवंबर को रात 11:03 बजे से हो गया है। समापन 23 नवंबर की रात 9:01 बजे होगा।