बैंक में ग्राहकों से सम्बंधित एक जानकारी है जो ज्यादातर ग्राहकों को नहीं मालूम होती है, कि लाकर के मामले में बैंक और लाकर लेने वाले का रिश्ता लाइसेंसर और लाइसेंसी का होता है, जैसे आपने कोई दुकान या जगह किराये पर ली है । असामान्य परस्थितियों में या प्राकृतिक आपदाओं में अगर लाकर के अन्दर का सामान खराब हो जाता है या गायब हो जाता है, तो बैंक की इसके लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। तकनीकी रूप से लाकर के अंदर के सामान के लिए बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है। बैंक कभी ये पूछता भी नहीं कि इसके अंदर क्या रखा है। आप इसमें कुछ भी न रखे या बेहद कीमती सामान रखें, बैंक से कोइ मतलब नहीं। नुकशान की स्थिति में बैंक से कुछ भी नहीं मिलेगा। अगर ग्राहक चाहे तो इसके अंदर रखे गए सामान का बीमा करा सकता है।