मैं पल्लवी श्रीवास्तव सीतापुर मोबाइल वाणी से जहांगीरा बाद के सरकारी स्कूल में पीने का पानी तो आता है, लेकिन यहां शौचालय ही ढंग से नहीं बना है तो पानी कहां से आएगा। शौचालय में पानी की व्यवस्था बहुत ही गंदी हैं। बच्चों को अगर शौचालय जाना पड़ता है तो छात्राएं अपने घर जाना ज्यादा पसंद करतीं हैं। शौचालय गंदे होने की वजह से दूर-दूर तक बदबूं तक आती है। अब तो यहां बच्चे और टीचर दोनों ही इस चीज के लिए अब आदी हो चुके हैं। इसलिए कोई भी स्कूल में सभी लोग जब शौचालय के पास से निकलते हैं तो नाक पे कपड़ा लगा कर ही निकलना ज्यादा पसंद करते हैं। मेरे हिसाब से पहले विद्यालय के शिक्षक और हेड मास्टर के पास जाकर उनसे पूछताछ करनी चाहिए। वहां से अगर बात न बने। तो जिले में एक बेसिक शिक्षा विभाग का मुखिया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी होता है ब्लॉक में खंड शिक्षा अधिकारी भी बैठते हैं दोनों में किसी से भी शिकायत कर सकते हैं अगर वहां से भी कोई बात नहीं बन रहीं तो, स्कूल कमेटी के मैनेजर से भी कह सकते हैं। उनसे भी अगर समस्या का समाधान नहीं हो रहा है तो डीएम से शिकायत कर सकते हैं। यहां अपनी राय भी आसानी से दे सकते हैं कि कैसे शिक्षा को और बेहतर बना सकते हैं।