सतना पुलिस और खाद्य विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए नागौर में बस की जांच के दौरान 500 किलो नकली मावा और 400 किलो मिलावटी पनीर जप्त किया है। बताया जा रहा है कि यह नकली मावा ग्वालियर से रीवा जाने वाली बस में लोड करके नागौद लाया गया था। इससे पहले की व्यापारी नकली मावा और पनीर उठा पाता,, पुलिस ने जब्त कर लिया।
जिले के विद्युत मंडल मंडल कोठी के गुलुआ गांव और आसपास के ज्यादातर ग्रामीण लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं। यहां दिन ढलते ही बल्ब जुगनू की तरह जलने लगते हैं। ग्रामीणों द्वारा शिकायत की गई लेकिन विभाग मौन धारण किए हुए है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर सतना जिले के बिरसिंहपुर में स्थित बाबा गैबीनाथ के मंदिर में विशाल मेले का आयोजन किया गया।
जिले में बढ़ रहे महिला अपराध की रोकथाम के लिए सतना पुलिस द्वारा बेटी की बेटी नाम से अभियान की शुरुआत की गई है । स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाली छात्र छात्राएं भय मुक्त होकर अपने साथ घटित होने वाले अपराध की जानकारी पुलिस को आसानी से दे सकती है। पुलिस ने सभी स्कूलों में बेटी की पेटी नाम से पोस्ट बॉक्स लगाया है।
सतना में सरकारी जमीन बेचने के मामले में कोर्ट ने दो पूर्व पटवारियों को सात-सात साल की जेल की सज़ा सुना दी है. आरोपियों ने फर्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर सरकारी ज़मीन बेची थी.मध्य प्रदेश में सरकारी जमीन बेचने के मामले में सतना के दो पूर्व पटवारियों को कोर्ट ने सजा सुना दी है. अहिरगांव अमरपाटन के पूर्व पटवारी ऋषि कुमार द्विवेदी और पडरा के दिनेश पाठक को सात-सात साल के कठोर कारावास और 15-15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है. प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश अमरपाटन दीपक शर्मा की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए ये सजा तय की है.
Transcript Unavailable.
Transcript Unavailable.
माया विश्वकर्मा को मध्य प्रदेश की पैड वुमन के नाम से जाना जाता है। उन्होंने महिलाओं को सेनेटरी पैड के बारे में जागरूक करने के लिए बड़ी भूमिका निभाई। उनका दुनियाभर में इसे लेकर नाम है और वे कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने उनका इसे लेकर सम्मान किया है। मोबाइल वाणी के ब्रजेश शर्मा से उनकी बातचीत
Transcript Unavailable.
दोस्तों, यह साल 2024 है। देश और विश्व आगे बढ़ रहा है। चुनावी साल है। नेता बदले जा रहे है , विधायक बदले जा रहे है यहाँ तक की सरकारी अधिकारी एसपी और डीएम भी बदले जा रहे है। बहुत कुछ बदल गया है सबकी जिंदगियों में, लेकिन महिलाओं की सुरक्षा आज भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। देश की सरकार तो एक तरफ महिला सशक्तिकरण का दावा करती आ रही है, लेकिन हमारे घर में और हमारे आसपास में रहने वाली महिलाएँ आखिर कितनी सुरक्षित हैं? आप हमें बताइए कि *---- समाज में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमें किस तरह के प्रयास करने की ज़रूरत है ? *---- महिलाओं को सही आज़ादी किस मायनों में मिलेगी ? *---- और घरेलू हिंसा को रोकने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?