देवेंद्र नगर। देश भर के जैन धर्मावलंबियों के सबसे बड़े,प्रतिष्ठित और कठोर तपस्या के लिए प्रसिद्ध आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का 18 फरवरी 24 को तड़के कोई ढाई बजे समतापूर्वक समाधिमरण हो गया।वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे।आचार्य श्री के बिछोह से व्यथित नगर की समस्त जैन समाज ने अपने अपने कारोबार बंद रख कर उन्हें अपनी अश्रुपूरित विनयांजलि अर्पित की। देवेंद्र नगर जैन समाज के अध्यक्ष प्रदीप जैन ने बताया कि पूज्य आचार्य श्री छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरी तीर्थ, डोंगरगढ़ में प्रवासरत थे, जहां कुछ दिन से उनकी सेहत अच्छी नहीं चल रही थी।इसे देखते हुए उन्होंने आचार्य पद का त्याग करते हुए समतापूर्वक समाधिमरण का निर्णय लिया।वे पिछले तीन दिन से निर्जल उपवास कर रहे थे।अंततः 18 फरवरी 24 की अल सुबह करीब ढाई बजे उन्होंने अपनी नश्वर देह त्याग कर मोक्ष मार्ग की ओर प्रस्थान किया।रविवार को दोपहर 1 बजे से उनकी डोल यात्रा डोंगरगढ़ में भारी जनसमुदाय के बीच निकली और धार्मिक विधि विधान के साथ इनके अंतिम संस्कार की क्रियाएं संपन्न हुई।इस डोल यात्रा में देश के कोने कोने से  आचार्यश्री के भक्तगण बड़ी संख्या में डोंगरगढ़ पहुंचे थे।