पर्यटन विभाग की गतिविधियां शून्य जिले में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं होने के बाद भी यहां इस दिशा में किसी तरह का विकास होता नहीं दिख रहा है। बृहस्पतिकुंड में करीब 200 करोड़ की लागत से ग्लास ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी सीएम बदले जाने के बाद से ठंडे बस्ते में है। अब यहां सिर्फ मूलभूत सुविधाओं के विस्तार का काम किया जा रहा है। सालों की कवायद के बाद भी डायमंड म्यूजियम का काम शुरू नहीं हो सका है। जुगल किशोर लोक और टेंपल वॉक निर्माण डीपीआर से बाहर ही नहीं निकल पाए हैं। सकरिया हवाई पट्टी का काम भी आधा हो पाया है।