पन्ना केन नदी है पन्ना की जीवनदायनी नदी यह जोड़ती है पन्ना को छतरपुर और सतना मार्ग में लेकिन इस पर वाहनों एवं पैदल चलने वाले लोग और पशुओं की आवाजाही की बहुत ही भीड़ रहती है वहां और लोग यहां से निकलते हैं। लोग खड़े होकर यहां सेल्फी लेते हैं। और फोटो खींचते हैं उनके साथ छोटे बच्चे भी रहते हैं, लेकिन रेलिंग टूटी हुई है जब पुल की रेलिंग टूटी है तो कोई भी दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है और उसकी खुशियां दुख में बदलने की बात सामने आ सकती है क्योंकि टूटी रेलिंग से नीचे गहराई में नदी में गिरने का अंदेशा रहता है मछली पकड़ने वाले लोग भी नदी में गिर सकते हैं शासन के लाखों रुपए सड़क के विकास में खर्च होते हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी या पी आई यू जो भी जिम्मेदार विभाग है वह केन नदी के पुल को सुधारने में रुचि नहीं ले रहा है इससे लगता है कि वह किसी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं। जब कोई इसमें गिरे के दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा तब प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी जीतेंगे अभी तो कुंभ करनी नींद सो रहे हैं क्योंकि कई महीनो से केन नदी की रेलिंग दोनों टूटी हुई है लेकिन कोई देखने वाला नहीं है पहले भी समाचार पत्र में इस मुद्दे को उठाया गया है लेकिन उसके बाद भी किसी के कान में जू नहीं रहेंगे अपेक्षा है कि शीघ्र ही टूटी हुई रेलिंग में सुधार किया जाए। इसके लिए अपेक्षा की जाती है।