पवई बार एसोसिएशन द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्ग 2 श्री राम सिंह के स्थानांतरण पर आयोजित विदाई समारोह में माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट भावुक हो गए बता दें कि पवई न्यायालय में निर्विवादित रूप से 3 वर्ष तक पदस्थ रहे तथा हंसमुख स्वभाव के लिए हमेशा ही अधिवक्ताओं के बीच में चर्चा का विषय रहे है। श्री बघेल का प्रमोशन दमोह न्यायालय में सीजेएम पद लिए हुआ है श्री बघेल ने अपने 3 वर्ष के कार्यकाल के अनुभव को पवई की अधिवक्ताओं से साझा करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा नहीं लग रहा कि उनका स्थानांतरण हो गया है और कभी ऐसा महसूस भी नहीं हुआ कि उनके 3 वर्ष कितनी जल्दी निकल गए उन्होंने कहा कि यहां के अधिवक्ताओं का प्रेम उन्हें सदैव याद आता रहेगा न्यायिक मजिस्ट्रेट ने विश्वास के साथ कहा कि वह निश्चित रूप से दोबारा यहां आएंगे *अतिरिक्त सत्र जिला न्यायाधीश माननीय नवनीत वालिया* ने कहा कि श्री बघेल जी के साथ पिछले 5 महीने का सकारात्मक अनुभव रहा है उन्होंने उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए उनकी पदोन्नति पर बधाई दी *न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्ग एक श्रीमती हिमांशी ठाकुर भारद्वाज* ने श्री बघेल के साथ अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा उन्होंने हमेशा ही सकारात्मक सहयोग किया है उन्होंने अपने 10 महीने के कार्यकाल में ऐसा कभी महसूस नहीं होने दिया कि वह उनसे जूनियर है माननीया ने उनके उज्जवल भविष्य की कामना की वरिष्ठ अधिवक्ता पीके लटौरिया कहा माननीय नायक मजिस्ट्रेट बघेल साहब का कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा तथा उनके द्वारा किए गए निर्णय हमेशा याद किए जाएंगे उनका हंसमुख स्वभाव मिलनसार छबि एवं अधिवक्ताओं के प्रति सहयोगात्मक रवैया उन्हें असाधारण बनता है *वरिष्ठ अधिवक्ता तथा कार्यक्रम के संयोजक राजाराम सिंगरोल* ने कहा कि श्री बघेल साहब के तीन वर्षीय कार्यकाल के दौरान अधिवक्ताओं एवं न्यायालय के बीच में न्यायालय की गरिमा के अनुसार कार्य देखने को मिला उन्होंने माननीय राम सिंह बघेल जी न्यायिक मजिस्ट्रेट वर्ग 2 को पदोन्नति सीजेएम बनने पर समस्त अधिवक्ताओं की ओर से बधाई दी तथा पवई पुनः आने के लिए आमंत्रित किया कार्यक्रम के अंत में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद नारायण सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया उपरोध कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आर पी पांडे, आर पी पटेल, आरके सिंह यादव, एस ए फारुकी, बृजेश त्रिपाठी,ए डी श्रीवास्तव, ए के नगायच, राजेश नगयाज, एसएस चौहान, दारा सिंह, सीएल सिंगरौल, मर्दन सिंह यादव, विष्णु खरे, एम के सक्सेना, अध्याय नाथ त्रिपाठी, डीके लटोरिया, एच एन शर्मा, मनोज पाठक राजा नागायक्ष धनंजय श्रीवास्तव, प्रभाकर मणि पटेल, शकील अहमद फारुकी सहित आधा सैकड़ा अधिवक्ता मौजूद रहे।