केन नदी की धारा को रोक कर खुलेआम चल रहा रेत का अवैध उत्खनन डंफर, ट्रक एवं ट्रैक्टर ट्रॉलियों में किया जा रहा ओवरलोड परिवहन पन्ना। केन नदी के चांदीपाठी, वीरा, उदयपुर और मोहना घाट में नदी की धारा को रोक कर दैत्याकार प्रतिबंधित मशीनों से खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन किया जा रहा है। छतरपुर के ठेके की आड़ में पन्ना जिले की रेत खुलेआम लूटी जा रही है। जबकि पन्ना जिले की रेत का कई सालों से कोई ठेका नहीं हुआ। खनिज अधिकारी सूचना, शिकायतों और समाचारों को अनदेखा कर रहे हैं। रेत से ओवरलोड ट्रक डंफर और ट्रैक्टर ट्रॉलियों को पुलिस, यातायात, राजस्व और परिवहन विभाग के द्वारा भी अनदेखा किया जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के आदेश पर सड़क हादसों को रोकने प्रशासन की संयुक्त टीम सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक सघन वाहन चेकिंग अभियान चला कर आम नागरिकों के वाहनों के जबरन चालान कर रही है तो वहीं दूसरी ओर खुलेआम चल रहे अवैध रेत के ओवरलोड परिवहन को अनदेखा किया जा रहा है। इस प्रकार पन्ना जिले में मुख्यमंत्री के आदेश के पालन के नाम पर केवल आम नागरिकों पर कार्रवाई कर रेत माफिया की करतूतों पर पर्दा डाला जा रहा है। रेत माफिया दिन रात प्रतिबंधित मशीनों से नदी की धारा रोक कर उत्खनन कर रहे हैं। रात भर सड़कों में ओवरलोड ट्रक डंफर और ट्रैक्टर ट्रॉलियां दौड़ रही हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। भोर सवेरे से पन्ना नगर में आधा सैकड़ा से अधिक ओवरलोड ट्रैक्टर ट्रॉलियों की धमाचौकडी सुरु हो जाती है यही समय बच्चों के स्कूल एवं कोचिंग का होता है जिससे हादसों का खतरा बना रहता है। अब सवाल यह उठता है कि रेत माफिया के इस ताण्डव को प्रशासन द्वारा क्यों अनदेखा किया जा रहा है, क्या प्रशासनिक अधिकारी सरकार से वेतन लेकर रेत माफिया के लिए काम कर रहे हैं या उन पर कोई दबाव है या फिर कमीशन के लालच में रेत माफिया पर कार्रवाई के बजाय संरक्षण दिया जा रहा है ऐसे तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। और रेत माफिया का विनाशकारी काला कारोबार धड़ल्ले से जारी है।