जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार के द्वारा निशुल्क नसबंदी शिविर चलाया जा रहा है इसके लिए हितग्राहियों को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। लेकिन पन्ना जिले के अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य में चल रहे निशुल्क महिला नसबंदी शिविर में घोर लापरवाही सामने आई है। बताया गया है कि नसबंदी के बाद दर्जनों महिलाओं को कड़ाके की ठंड में फर्श पर लेटने को मजबूर होना पड़ा। इस संबंध में जब खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर केपी राजपूत से बात की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि एक दिन में अधिकतम 60 महिला हितग्राहियों की नसबंदी की जा सकती है। एफआरएचएस के द्वारा कांट्रैक्ट लिया गया है डॉक्टर, नर्सिंग ऑफिसर इत्यादि लगभग सभी व्यवस्थाएं एफआरएचएस के द्वारा ही उपलब्ध कराई जाती हैं। अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल बेड उपलब्ध कराए जाते हैं। नसबंदी में 1 घंटे का समय लगता है उसके बाद 3 घंटे तक रेस्ट के बाद महिला को छुट्टी दे दी जाती है। यह भी बताया गया है कि अजयगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बेड का है अधिकतर बेड मरीजों से भरे होने से नसबंदी कराने आने वाली महिलाओं को कड़ाके की ठंड में फर्श पर लेटने को मजबूर होना पड़ा। वहीं जब इस संबंध में एफआरएचएस के संदीपन सिंह परिहार बात की गई तो बताया कि बेड की कमी की वजह से नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श पर लेटना पड़ा, लेकिन उनके लिए गद्दे कंबल इत्यादि की व्यवस्था एफआरएचएस के द्वारा की गई है ताकि किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। यही हाल जिला चिकित्सालय पन्ना एवं जिले के अन्य सामुदायिक स्वास्थ केंद्रों के शिविरों के बताए जा रहे हैं। महिलाओं के परिजनों ने नाराजगी जाहिर करते हुए बताया कि इस प्रकार संवेदनशील कार्य में बरती गई घोर लापरवाही की वजह से महिलाओं के स्वास्थ्य एवं जिंदगी पर खतरा हो सकता है। जिसे एफआरएचएस अधिकारियों के द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। कुछ लोगों के द्वारा यह भी कहा गया है कि ऐसी लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्यवाई होनी चाहिए ताकि दोबारा इस प्रकार महिलाओं की सुरक्षा एवं जिंदगी से खिलवाड़ ना हो।