राजीव की डायरी कड़ी संख्या 17 कैसी है हमारी 2024 की शिक्षा

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गोरखपुर: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 81 विद्यार्थियों को मिली नौकरी। जानकारी के लिए ऑडियो को पूरा सुने और अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें धन्यवाद।

गोरखपुर। 11 फरवरी दिन रविवार को गोरखपुर में निजी स्कूल संचालकों का प्रांतीय सम्मेलन आयोजित हो रहा है। यह सम्मेलन प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक व पदाधिकारीयों द्वारा आहूत की गई है। सभी प्रबंधकों को बचपन स्कूल खोराबार रोड पर पहुंचकर सम्मेलन को सफल बनाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। प्रेस वार्ता के माध्यम निजी स्कूलबके प्रबंधकों ने बताया गया कि सरकार प्राइवेट स्कूलों के संबंध में थोड़ा भी विचार नहीं कर पा रही है।जो ग्रामीण क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल हैं, उनके प्रबंधक बहुत ही आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। जहां परिषदीय स्कूलों के मानक कुछ भी नहीं है। वहीं प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों को मान्यता लेने में कठिन से कठिन मानकों का अनिवार्यता होना बहुत बड़ी समस्या है। प्रबंधक लाखों लगाकर ग्रामीण क्षेत्र में देश के नौनिहाल भविष्य के निर्माण हेतु शिक्षा का ज्योति जलाकर अच्छी से अच्छी शिक्षा देने का बंदोबस्त करता है। मगर गार्जियन की ही गलती हो या छात्रों की प्रबंध के ऊपर हमेशा तलवार लटकती रहती है। क्षेत्र से आए प्रबंधक प्राइवेट स्कूलों के सरकार द्वारा अनदेखी पर तरह-तरह के सवाल उठाए। प्राइवेट स्कूलों के लिए सरकार द्वारा शुद्ध पेयजल नही दिया जाता है। ना ही और ऊर्जा का निशुल्क कोई योजना ही चलाई जा रही है। प्राइवेट स्कूलों के लिए सरकार के पास देने के लिए केवल आदेश रहते हैं। जबकि प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक बहुत ही आर्थिक हालात से गुजर रहे हैं।

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गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेण्ट प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा के यौन उत्पीड़न के खिलाफ गोरखपुर विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार बन्द कर नारेबाजी कर विरोध-प्रदर्शन किया गया। वरिष्ठ छात्र नेता योगेश प्रताप सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्व मे भी गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ ऐसे उत्पीड़न का मामला सामने आते रहे है लेकिन प्रशासनिक स्तर से हर बार लीपापोती कर दी जाती रही है। इस बार लड़ाई आर पार की होगी। और धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता सुशान्त शर्मा और अंकित वर्मा ने सयुक्त रूप से कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र-छात्राओं के लिए भय का माहौल बन चुका है। अभी एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आयी है। स्नातक की एक छात्रा ने अपने विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर यौन व मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ ही कुलपति से ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है। इस घटना में एक अस्सिटेंट प्रोफेसर द्वारा स्नातक की छात्रा को परीक्षा में पास करने का लालच देकर उसका यौन शोषण करने का प्रयास किया गया और छात्रा के मना करने पर उसको परीक्षा में फेल करने और जीवन बर्बाद करने की धमकी दिया। विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर द्वारा छात्रा को परीक्षा में फेल करने, जीवन बर्बाद करने, यौन शोषण और मुँह बन्द रखने की धमकी देना निन्दनीय है गोरखपुर विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न की यह कोई पहली घटना नहीं है। ऐसी शर्मनाक घटनाएँ गोरखपुर विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों में प्रतिदिन दिन होती है। पिछले वर्ष जुलाई में भी एक विभागाध्यक्ष पर भी गम्भीर आरोप लगे थे जिसकी शिकायत ऑडियो रिकॉर्डिंग और फोटो के साथ की गयी थी। लेकिन उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी। छात्र नेता सुशान्त शर्मा और अंकित वर्मा इस शर्मनाक घटना पर खेद प्रकट किया और माँग करते है की 1. आरोपी शिक्षक को तत्काल निलंबित किया जाय और उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाये। ऐसे मामलों को संज्ञान में आते ही उनको गम्भीरता से लिया जाये और अविलम्ब जाँच-पड़ताल पूरी करके आरोपी को कठोरतम दण्ड मिले। विश्वविद्यालय परिसर में आये दिन छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न की घटनाएँ हो रही हैं। इसके लिए कमेटी गठित किया जाय, इसे जाँच व कार्रवाई की शक्ति दी जाय, इसकी एक हेल्पलाइन नंबर जारी कर सभी छात्र-छात्रओं को इससे अवगत कराया जाय। अगर ऐसा नहीं होता है तो छात्र नेता उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे ।इस दौरान विशाल सिंह श्रीनेत,रवि पाण्डेय, सत्यम यादव, सतीश प्रजापति,अजय राव,आनंद वर्मा,अमन त्रिपाठी,शुभम शर्मा,आशीष पाण्डेय,सत्यम सिंह,श्याम मोहन चौरसिया,आशीष पाण्डेय,सत्यम शुक्ला, रितेश यादव आदि मौजूद रहे ।

दिशा: पांच करोड़ तक की छात्रवृत्ति पाने का मौका।