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शिक्षकों ने बीईओ को पत्रक सौंप कर विरोध जताया खजनी गोरखपुर।। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ शिक्षकों की भावनाओं और समस्याओं से लगातार शासन और बेसिक शिक्षा विभाग को ज्ञापन, धरना और प्रदर्शन आदि के माध्यम से अवगत कराता रहता है। प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर आज खजनी के परिषदीय स्कूल के शिक्षकों ने बीईओ को पत्रक सौंप कर विरोध जताया। शिक्षकों ने आरोप लगाया कि विभाग द्वारा शिक्षक समस्याओं के समाधान में गंभीरता नहीं दिखाई जाती। वर्तमान में टैबलेट से अभिलेखों के डिजिटलाइजेशन के लिए विभागीय अधिकारियों द्वारा बनाए जा रहे दबाव और कार्यवाही की धमकी के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर प्रदेश के सभी ब्लॉक स्तर के बीआरसी कार्यालय पर बीईओ को पत्रक सौंप कर महानिदेशक बेसिक शिक्षा विभाग के प्रति रोष जताया। शिक्षकों ने कहा कि विभाग द्वारा दिये गए टैबलेट को सक्रिय करने हेतु सरकारी सिम कार्ड उपलब्ध कराया जाए। तथा शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की भाँति एक कैलेंडर वर्ष में 31 दिन का उपार्जित अवकाश, और शनिवार का अवकाश तथा अर्ध आकस्मिक अवकाश को मान्य किया जाए। इस दौरान प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय, मंत्री संतोष तिवारी,संजय कुमार मिश्र, नीरज राय, सुरेन्द्र सिंह मोहम्मद इरशाद, अभिषेक मिश्र अजीत यादव, राममूरत मौर्य, आभा पाण्डेय, सुषमा शुक्ला, अंजना कश्यप, गरिमा, राकेश, अंजनी आदि शिक्षक उपस्थित रहे।

नगर निगम सदन में उठा जिस सर्वे का विरोध कहा ऐसा ना हो वोट मांगने जाएं और जनता ही भगा दे

पक्ष विपक्ष कड़ी संख्या 49 किसान भी है अर्थव्यवस्था का हिस्सा

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CRISIL के अनुसार 2022-23 में किसान को MSP देने में सरकार पर ₹21,000 करोड़ का अतिरिक्त भार आता, जो कुल बजट का मात्र 0.4% है। जिस देश में ₹14 लाख करोड़ के बैंक लोन माफ कर दिए गए हों, ₹1.8 लाख करोड़ कॉर्पोरेट टैक्स में छूट दी गई हो, वहां किसान पर थोड़ा सा खर्च भी इनकी आंखों को क्यों खटक रहा है? आप इस पर क्या सोचते है ? इस मसले को सुनने के लिए इस ऑडियो को क्लिक करें

देश के किसान एक बार फिर नाराज़ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले साल नवंबर 2020 में किसानों ने केंद्र सरकार के द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के रद्द करने के लिए दिल्ली में प्रदर्शन किया था और इसके बाद अगले साल 19 नवंबर 2021 को केंद्र सरकार ने तीनों कानून वापस ले लिए थे, हालांकि इस दौरान करीब सात सौ किसानों की मौत हो चुकी थी। उस समय सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने और उन्हें जल्दी पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन ऐसा अब तक नहीं हआ है। और यही वजह है कि किसान एक बार फिर नाराज़ हैं।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश पंचायती राज ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष क्रांति सिंह के आवाहन पर पूरे प्रदेश में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन एवं ज्ञापन देने का कार्य किया गया जिसमें गोरखपुर जनपद अध्यक्ष रमेश कुमार भारती के नेतृत्व में आज सुबह 12 :00 बजे जिला मुख्यालय (विकास भवन) पर बड़ी संख्या में सफाई कर्मचारी एकत्रित होकर के अपनी मांगों को लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी,जिला अधिकारी,अपर मुख्य सचिव पंचायती राज एवं पंचायती राज निदेशक को ज्ञापन दिया गया ज्ञापन के माध्यम से रमेश कुमार भारती ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी नियुक्ति साक्षर पर हुआ है और अधिकतर पुरूष एवं महिला कर्मचारी साक्षर हैं और हम सबसे निचले पायदान के कर्मचारी हैं और हम लोगों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस उचित नहीं है क्यों कि सफाई कर्मचारियों को कभी BLO में ड्यूटी,ओडीएफ दस्ता स्वच्छता मिशन कार्यक्रम में ड्यूटी, चुनाव में मतगणनाऔर जनगणना में प्रगणक के रूप में ड्यूटी, तो कभी निर्वाचन कार्यालय में मतदाता सूची एकत्रित करने में ड्यूटी,और कभी ग्राम प्रधान, जिला पंचायत, विधानसभा,एवं लोकसभा चुनाव में EVM एवं मतपेटियों की ढुलाई एवं सफाई के लिए ड्यूटी लगाई जाती है और अधिकतर सफाई कर्मचारियों को गाँवों में टोली बनाकर सफाई कार्य के लिए कई किलो मीटर दूर-दूर ड्यूटी लगाई जाती है।मुख्यमंत्री के रैली कार्यक्रम में भीड़ बढ़ाने के लिए ड्यूटी लगाई जाती है,सभी पर्वों पर गोरखपुर महोत्सव हो या ईद, बकरीद, दशहरा, दीपावली में मूर्ति विसर्जन में जनपद के विभिन्न स्थानों पर दिन और रात्रि में स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ड्यूटी लगाई जाती है।एवं दैवी आपद, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में अचानक ड्यूटी लगाई जाती है। जिसको बखूबी निभाया जाता है।फिर भी हम कर्मचारियों का बहुत ज्यादा शोषण होता है और तो और जब आनलाइन बायोमैट्रिक हाजिरी अनिवार्य हो जाएगा तो और भी शोषण होना शुरू हो जाएगा इस लिए हम मा.मुख्यमंत्री जी से निवेदन करते हैं की हम कर्मचारियों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक अटेंडेंस हाजिरी न ली जाए। इस ज्ञापन कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री रामसूरत यादव एवं जिला कोषाध्यक्ष राम मिलन पासवान ने किया उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गांव में और भी विभाग के कर्मचारी नियुक्त हैं उन लोगों का बायोमैट्रिक नहीं लगती है केवल और केवल सफाई कर्मचारियों का ही शोषण होता है इसी कोरोना काल में हम सफाई कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर देश की सेवा करने का कार्य किया जिला मीडिया प्रभारी राजकुमार एवं जिला मीडिया प्रभारी शमसुद्दोहा ने अपने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि अगर कोई छोटा कर्मचारी है तो हम सफाई कर्मचारी हैं हम सफाई कर्मचारी निर्वाचन बाकस ढोने से लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यो अपनी ड्यूटी बहुत ही इमानदारी से करते हैं और हम लोगों का ऑनलाइन बायोमैट्रिक हाजिरी उचित नहीं है क्योंकि पंचायत भवन 10:00 बजे खुलता है और हमारी ड्यूटी गर्मियों में सुबह 7:00 बजे से 2:00 बजे तक एवं ठंडी में 8 बजे से 3 बजे तक ड्यूटी लगती है और पंचायत भवन 10:00 बजे खुलता है पंचायत सहायक का पता नहीं चलता है कुछ मजरों गांवों में सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी 10 -20 किलो मीटर की दूरी पर लगी है।और बाढ़, बारिश, और ठंड में आने-जाने में ही कर्मियों को समय लग जाएगा। इस दशा में हम कर्मचारियों की हाजिरी छूट जाएगी और हमारी महिला बहनों को आने जाने मे समय लग जाएगा जिससे हम अपने कार्य में अनुपस्थित हो जाएंगे माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील करते हैं कि हम सफाई कर्मचारियों का बायोमैट्रिक ऑनलाइन हाजिरी न लगा करके ग्राम प्रधानों के वहां उपस्थिति दर्ज कराई जाय । जिला संगठन मंत्री रामदुलारे यादव, जिला समप्रेक्षक उमेश सिंह, राम कुमार राव, मोलई प्रसाद, त्रयम्बक मणि त्रिपाठी, शिवेन्द्र नाथ मिश्र, शंभु नाथ गौड़ ने संयुक्त रूप से कहा कि सफाई कर्मचारियों को ऑनलाइन उपस्थिति से मुक्त रखा जाए, पुरानी पेंशन बहाल की जाए, सफाई कर्मचारियों की विभागीय सेवा नियमावली बनाई जाए, सफाई कर्मचारियों को पदोन्नत के अवसर प्रदान किए जाए, मृतक आश्रितो को योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाए।

किसानों के समर्थन मे ट्रेड यूनियन एवं संयुक्त मोर्चा ने निकाली रैली

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